खुदा की इबादत व कुरआन शरीफ की तिलावत करें
बिहपुर : पवित्र माह-ए-रमजानुल मुबारक में मुसलमान 30 दिनों तक रोजा, उपवास रख कर अल्लाह ताला की इबादत करेंगे. रमजानुल मुबारक के पाक माह के बारे में विस्तार से बताते हुए बिहपुर खानका-ए-मोहब्बतिया फरीदिया के गद्दीनशीं कोनैन खां फरीदी व नायब गद्दीनशीं मौलाना शब्बर खां फरीदी ने कहा कि रमजानुल मुबारक का पहला अशरा रहमत, दूसरा मगफेरत व तीसरा अशरा जहन्नुम से निजात दिलाने का है. इस्लाम धर्म को मानने वाले मुसलमानों के लिए इसलिए भी यह महत्वपूर्ण है कि क्योंकि इसी महीने कुरआन शरीफ नाजिल हुआ था.
इस माहे-ए -रमजान में मुसलमान 30 दिनों का रोजा रखते हैं. श्री फरीदी ने कहा कि ऐसा करने से प्रेम व भाईचारे का वातावरण बनता है. माहे-ए-रमजान की बेशुमार फजीलतें हैं. सभी मसजिदों में तराबीह की विशेष नमाज अदा की जाती है. श्री फरीदी ने लोगों से कहा कि इस माह का कद्र करें, खुदा कि इबादत करें व कुरआन शरीफ की तिलावत करें. इस माह की खास इबादत नमाज-ए-तराबीह है. इस महीने में दोजख के बंद और जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते हैं.
रोजा,उपवास के दौरान इनसान को झूठ बोलना, लड़ाई करना या कराना, चुगली करना व गाली गलौज करना मना है. रोजे के दौरान भूख व प्यास यह अहसास हमें रोजेदारों को दुनिया में गरीब,भूखे व असहायों की मदद करने की प्रेरणा देता है.