शहाबुद्दीन की पेशी पर छह महीने की रोक

भागलपुर : विशेष केन्द्रीय कारा में बंद मो शहाबुद्दीन के उपस्थापन (कोर्ट में पेशी) पर सरकार ने छह महीने के लिए रोक लगा दी है. अब सुनवाई के लिए अगले छह महीने तक शहाबुद्दीन को पेश नहीं किया जायेगा. सूत्रों की मानें तो गृह विभाग ने इस बाबत जेल प्रशासन को पत्र भेज दिया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2016 5:31 AM

भागलपुर : विशेष केन्द्रीय कारा में बंद मो शहाबुद्दीन के उपस्थापन (कोर्ट में पेशी) पर सरकार ने छह महीने के लिए रोक लगा दी है. अब सुनवाई के लिए अगले छह महीने तक शहाबुद्दीन को पेश नहीं किया जायेगा. सूत्रों की मानें तो गृह विभाग ने इस बाबत जेल प्रशासन को पत्र भेज दिया है. एक केस की सुनवाई के लिए शहाबुद्दीन को आठ जून को मुजफ्फरपुर जाना था पर वे नहीं जा सके थे.

मो शहाबुद्दीन की कोर्ट में पेशी पर छह महीने की रोक को उनकी बीमारी से जोड़ कर देखा जा रहा है लेकिन सूत्रों की मानें तो लॉ एंड ऑर्डर की समस्या को रोकने
शहाबुद्दीन की पेशी…
को लेकर पेशी पर रोक लगायी गयी है. पत्रकार राजदेव हत्याकांड के बाद ही मो शहाबुद्दीन को सीवान से भागलपुर लाया गया था. लड्डन के आत्मसमर्पण करने और टॉपर घोटाला सामने आने के बाद सरकार नहीं चाहती कि किसी भी कारण से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न हो. जहां तक बीमारी की वजह से पेशी पर रोक की बात है, इसके लिए सरकार को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं थी.
बंदी को जेल से बाहर भेजने पर रोक लगा सकती है सरकार
सरकार ने मो शहाबुद्दीन के उपस्थापन पर सीआरपीसी के सेक्शन 268 के तहत रोक लगायी है. इस सेक्शन के अनुसार सरकार चाहे तो किसी बंदी को जेल से बाहर भेजने पर रोक लगा सकती है. इस सेक्शन के दो बी में वर्णित है कि लॉ एंड ऑर्डर की समस्या उत्पन्न होने की आशंका को देखते हुए सरकार किसी बंदी को जेल से बाहर भेजने पर रोक लगा सकती है. ऐसा पब्लिक इंट्रेस्ट में आम तौर पर किया जाता है.
आज मेडिकल बोर्ड ले सकता है फैसला
मो शहाबुद्दीन को एम्स कब भेजा जायेगा इस पर शुक्रवार को मेडिकल बोर्ड फैसला ले सकता है. राज्य स्तरीय मेडिकल बोर्ड की बैठक शुक्रवार को होनेवाली है. इसमें शहाबुद्दीन को इलाज के लिए एम्स भेजे जाने पर विचार किया जायेगा. उनकी बीमारी की वर्तमान स्थिति और जांच करनेवाले डॉक्टरों की रिपोर्ट देखने के बाद फैसला लिया जायेगा. मेडिकल बोर्ड विचार करने के बाद सरकार को सलाह देगी. विशेष केन्द्रीय कारा लाये जाने के बाद से ही शहाबुद्दीन कमर दर्द से परेशान हैं.
जेल अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. उनके कमर में बेल्ट लगा हुआ है और उन्हें खड़ा होने और चलने में भी परेशानी हो रही है. उन्हें जेल अस्पताल में चौकी उपलब्ध करायी गयी है. सोमवार को आने वाले मुलाकातियों से भी वे खड़े होकर नहीं मिल पा रहे हैं.
राज्य सरकार ने सीआरपीसी के सेक्शन 268 में दिये अपने अधिकार का इस्तेमाल कर उपस्थापन(पेशी) पर लगायी रोक
आज पटना में मेडिकल बोर्ड की हो सकती है बैठक, शहाबुद्दीन को एम्स भेजने पर सरकार को दिया जा सकता है सुझाव
19 मई को शहाबुद्दीन को सीवान से कैंप जेल लाया गया था, कमर दर्द का किया जा रहा इलाज

Next Article

Exit mobile version