बीमारियों को कम करने में याेग अहम

भागलपुर : 1 जून दक्षिणी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, इसलिए इस तिथि का चयन विश्व योग दिवस के रूप में किया गया. योग के जरिये आध्यात्मिक, शारीरिक एवं मानसिक उत्थान किया जा सकता है. बीमारियों को कम करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि में योग की बड़ी भूमिका है. ये बातें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2016 6:43 AM

भागलपुर : 1 जून दक्षिणी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, इसलिए इस तिथि का चयन विश्व योग दिवस के रूप में किया गया. योग के जरिये आध्यात्मिक, शारीरिक एवं मानसिक उत्थान किया जा सकता है. बीमारियों को कम करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता की वृद्धि में योग की बड़ी भूमिका है. ये बातें जवाहर लाल नेहरू मेडिकल काॅलेज एंड हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में मेडिसिन, रेसिपिरेटरी विभाग एवं एपीआइ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘योग का स्वास्थ्य एवं बीमारियों के निदान में कितना याेगदान है’ विषयक परिचर्चा में वक्ताओं ने कहीं.

इस अवसर पर आइएमए बिहार के स्टेट प्रेसीडेंट डॉ डीपी सिंह ने कहा कि अगर तीन माह तक योग किया जाये तो हृदय गति, ब्लड प्रेशर सामान्य हो जायेगा. शवासन करने से हर्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है. तनाव का लेवल घटता है. मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ केडी मंडल ने कहा कि योग आसन, प्राणायाम व ध्यान से मिल कर बना है. योग बीमारियों का शमन व इस पर नियंत्रण भी करता है. डॉ शांतनु घोष ने कहा कि सीओपीडी के नियंत्रण में योग महत्वपूर्ण साबित होगा. डॉ राजीव सिन्हा ने कहा कि डायरिया, कब्ज व स्ट्रेस को समाप्त करने में योग महत्वपूर्ण है.

डॉ भारत भूषण ने कहा कि योग करने से शरीर में एंडरफिन हार्मोंस बढ़ता है. यह तनाव कम करने एवं बीपी नार्मल करने में महत्वपूर्ण है. आइएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ हेमशंकर शर्मा ने कहा कि योग प्रशिक्षित व्यक्ति के निर्देशन में ही करना चाहिए. क्योंकि योग में कई ऐसे प्राणायाम या आसन है जिसे करने से कुछ बीमारियों से ग्रसित रोगी को फायदा के बजाय नुकसान हो सकता है. योग से शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.

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