ढोलबज्जा के सुभाष चौक पर वाहन ने तोड़ी नेताजी की प्रतिमा, फिर हो गयी गायब

विजय घाट पर पक्का पुल के निर्माण के लिए 23 जनवरी 1987 को नेता जी को प्रेरणा मान कर लोगों ने फूंका था संघर्ष का बिगुल नेता जी के जन्मदिवस पर की गयी थी उनकी प्रतिमा स्थापित नवगछिया : भागलपुर, पूर्णिया व मधेपुरा जिले की सीमा को छूने वाले ढोलबज्जा बाजार के नेता जी सुभाष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2016 8:28 AM

विजय घाट पर पक्का पुल के निर्माण के लिए 23 जनवरी 1987 को नेता जी को प्रेरणा मान कर लोगों ने फूंका था संघर्ष का बिगुल

नेता जी के जन्मदिवस पर की गयी थी उनकी प्रतिमा स्थापित
नवगछिया : भागलपुर, पूर्णिया व मधेपुरा जिले की सीमा को छूने वाले ढोलबज्जा बाजार के नेता जी सुभाष चंद्र बोस चौक पर नेता जी की प्रतिमा ढ़ूढ़ने से भी नहीं मिलती है. बता दें कि विजय घाट पर पक्का पुल निर्माण की मांग को लेकर नेता जी के जन्मदिवस 23 जनवरी 1987 को कोसी पार के ग्रामीणों ने नेता जी को प्रेरणास्रोत मान कर संघर्ष का बिगुल फूंका था. उसी समय ढोलबज्जा बाजार में नेता जी की प्रतिमा स्थापित की गयी थी. आज बिजय घाट पर बाबा बिशु राउत सेतु के रूप में पक्का पुल बन कर तैयार है.
पिदले साल टूटी थी प्रतिमा : पिछले वर्ष मई में एक वाहन के धक्के से नेता जी की प्रतिमा टूट गयी थी. वहां मलवे के रूप में कई दिनों तक प्रतिमा पड़ी रही, लेकिन इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. फिर धीरे-धीरे उस स्थल से प्रतिमा गायब हो गयी. हालांकि ग्रामीणों ने नेता जी की प्रतिमा पुन: उस जगह स्थापित करने की मांग की, लेकिन प्रशासन ने इसे अनसुना कर दिया.
इन दिनों कुछ ग्रामीणों के साथ मिल कर बिहार प्रदेश छात्र संघर्ष समिति से जुड़े युवक पुन: उक्त स्थल पर नेता जी की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर मुहिम चलाये हुए हैं. जिले के छोटे से ले कर बड़े प्रशासनिक पदाधिकारियों को पुन: प्रतिमा स्थापित करने के लिए आवेदन भी भेजा गया है.
सुभाष चौक से ही रखी गयी थी पुल निर्माण को लेकर संघर्ष की नींव : नवगछिया के कोसी पार के लोगों को पौ फटते ही समस्याओं से ही रूबरू होना पड़ता था. इसका सबसे बड़ा कारण था यातायात का अभाव. पूरा इलाका कोसी नदी से घिरा था. लगभग 30 वर्ष पहले 23 जनवरी 1987 को ग्रामीणों ने योगेंद्र सरकार के नेतृत्व में ढोलबज्जा बाजार में नेता जी सुभाष चंद्र बोस को प्रेरणास्त्रोत मान कर उनकी प्रतिमा स्थापित की और विजय घाट पक्का पुल संघर्ष समिति का गठन किया. समिति के बैनर तले पुल निर्माण की मांग को लेकर सबसे पहले 13 दिनों का आमरण अनशन किया गया. इस आंदोलन में संत ज्ञान स्वरूप तपस्वी भी शामिल थे.
कहती हैं जिला पार्षद : नवनिर्वाचित जिला परिषद सदस्य नंदनी सरकार उस वक्त नौ वर्ष की थीं. वह भी अपने पिता के साथ 13 दिनों के अनशन पर थीं. एक बार फिर से सुभाष चौक पर नेता जी की प्रतिमा स्थापना के लिए वह भी मुहिम चला रही हैं.
शासन प्रशासन का करा रहे ध्यान आकृष्ट : ढोलबज्जा पंचायत के मुखिया राजकुमार मंडल उर्फ मुन्ना, चंदन कुमार, दीपक कुमार, बबलू कुमार, सुभाषित कुमार, प्रभाष कुमार, प्रिंस कुमार, अमोल कुमार, अजीत कुमार, प्रशांत कुमार कन्हैया आदि अन्य ग्रामीण भी प्रतिमा स्थापना को लेकर प्रशासन का ध्यान लगातार आकृष्ट करा रहे हैं.
कहते हैं बीडीओ : नवगछिया के बीडीओ राजीव कुमार रंजन ने कहा कि प्रतिमा की पुन: स्थापना ग्राम सभा के माध्यम से भी की जा सकती है.

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