निकली भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा
आस्था का उमड़ा सैलाब. मंदिरों में हुई पूजा-अचर्ना, 56 प्रकार का भोग चढ़ाया गया माथे से टपकता पसीना लेकिन उत्साह में कोई कमी नहीं थी भक्तों को. शहर में विभिन्न चौराहे पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गयी. भागलपुर : यह लोगों के भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था, भक्ति व विश्वास के पराकाष्ठा का […]
आस्था का उमड़ा सैलाब. मंदिरों में हुई पूजा-अचर्ना, 56 प्रकार का भोग चढ़ाया गया
माथे से टपकता पसीना लेकिन उत्साह में कोई कमी नहीं थी भक्तों को. शहर में विभिन्न चौराहे पर भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गयी.
भागलपुर : यह लोगों के भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था, भक्ति व विश्वास के पराकाष्ठा का कहानी बयां कर रहा था. अवसर था, शहर के विभिन्न स्थानों से निकाली गयी भगवान जगन्नाथ के भव्य शाेभायात्रा की. शहर के विभिन्न स्थानों से भगवान जगन्नाथ की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. विभिन्न चौराहे पर भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था व विश्वास के रंग उड़े, जिसमें शामिल हर व्यक्ति सरोबार हो गया.
बैंड-बाजा के साथ निकली भव्य रथयात्रा : बुधवार को शाम पांच बजे बालदेव दास ठाकुरबाड़ी सूजागंज से भगवान जगन्नाथ की भव्य शोभायात्रा निकाली गयी. बैंडबाजे के साथ फूलों व लाइटों से सजी रथयात्रा लोगों में आकर्षण का केंद्र बनी थी. शोभायात्रा ठाकुर बाड़ी से निकल कर घरैती चौक, खलीफाबाग, शंकर टाकीज चौक, नया बाजार, कोतवाली चौक, रेलवे स्टेशन चौक होते पुन: सूजागंज ठाकुरबाड़ी पर जाकर समाप्त हो गयी. पुरोहित सुशील कुमार मिश्र भगवान जगन्नाथ की पूजा कर उन्हें 56 प्रकार का भाेग चढ़ाया. मौके पर राकेश कुमार मिश्र, मुकेश कुमार, संजीव कुमार, दयानंद ठाकुर, सुनील, रमन झा आदि मौजूद थे.
गिरधारी लाल हटिया से निकली रथयात्रा :
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भक्तिपूर्ण माहौल में गिरधार लाल हटिया मार्ग से निकाली गयी. रथ पर भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ बिराजमान थे. लोग रथयात्रा पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा का दर्शन कर खुद को कृतार्थ महसूस कर रहे थे.
रथयात्रा हटिया से शुरू होकर रेलवे स्टेशन, दवा पट्टी रोड, नया बाजार, बूढ़ानाथ चौक, शंकर टॉकीज चौक, खलीफाबाग चौक, मेन बाजार होते हुए पुन: गिरधारी लाल हटिया रोड जाकर समाप्त हो गयी.
नया बाजार से निकले भगवान जगन्नाथ : भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा सखीचंद्र घाट रोड नयाबाजार से गाजे-बाजे के साथ निकाली गयी. इस अवसर पर मंदिर के पं सौरभ मिश्र ने बताया कि प्राचीन मान्यता के अनुसार आषाढ़ द्वितीया को पुष्य नक्षत्र में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर विराजमान होकर अपनी मौसी के घर जाते हैं. मौके पर समीर कुमार मिश्र थे.