साहिल की मौत ने छोड़े सवाल
भागलपुर: व्यवसायी पुत्र साहिल कुमार की कोटा में मौत कई सवाल छोड़ गया है. परिजन इन सवालों से पसोपेश में हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि साहिल की हत्या हुई या उसने आत्महत्या की है. या फिर ट्रेन दुर्घटना में उसकी मौत हो गयी है. बुधवार को साहिल के भैया, भाभी व […]
भागलपुर: व्यवसायी पुत्र साहिल कुमार की कोटा में मौत कई सवाल छोड़ गया है. परिजन इन सवालों से पसोपेश में हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि साहिल की हत्या हुई या उसने आत्महत्या की है. या फिर ट्रेन दुर्घटना में उसकी मौत हो गयी है. बुधवार को साहिल के भैया, भाभी व अन्य परिजन कोटा से भागलपुर पहुंचे. साहिल के लापता होने के बाद उनके बड़े भाई विकेश कुमार कोटा में रह कर लगातार साहिल की खोजबीन कर रहे थे. उनके साथ उनके ममेरे भाई संदीप भी थे. संदीप की मानें तो साहिल की मौत एक दुर्घटना है, लेकिन परिस्थितियां कुछ और ही कह रही है. बहरहाल, मामला क्या है, यह उच्च स्तरीय जांच का विषय है.
हेड इंज्यूरी से हुई मौत
संदीप की माने तो साहिल की मौत खंभे से टकरा कर हुई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण हेड इंज्यूरी बताया गया है. संदीप का दावा है कि साहिल गंगापुर स्टेशन पर उतरा और पानी को बोतल लेकर पुन: ट्रेन पर जा रहा था. तभी ट्रेन खुल गयी और किसी ने बोगी का दरवाजा बंद कर दिया. साहिल किसी तरह पायदान पर डंडे को पकड़ कर खड़ा हो गया. लेकिन ठंड के कारण चलती ट्रेन में साहिल पटरी के किनारे किसी खंभे से टकरा गया और गिर गया. इसमें उसकी मौत हो गयी. खंभे से टकराने के कारण उसे सिर पर गंभीर चोट भी आयी थी.
जाने की बात पिता को क्यों नहीं बतायी
11 जनवरी रात 8.44 बजे साहिल की बात पिता अशोक पोद्दार से हुई. पिता ने पूछा कि बेटा क्या कर रहे हो. साहिल ने कहा कि सोने जा रहा हूं. इस पर पिता ने कहा कि थोड़ी देर और पढ़ लो, फिर सो जाना. फिर साहिल ने अपनी बड़ी बहन से भी बात की,लेकिन साहिल ने यह नहीं बताया कि वह अभी दिल्ली जाने वाला है. आखिर साहिल ने अपने परिजनों से दिल्ली जाने की बात क्यों छुपायी. यही नहीं, दिल्ली में साहिल के जो रिश्तेदार रहते हैं, उन्हें भी साहिल ने नहीं बताया कि वह दिल्ली आ रहा है.
साहिल को गेट कीपर ने देखा !
उधर, हॉस्टल में 12 जनवरी की सुबह यह बात सामने आयी कि साहिल सुबह में साढ़े आठ बजे नाश्ता के लिए बाहर निकला और गेट कीपर ने उसे देखा. परिजनों का कहना है कि यह बात बिल्कुल अफवाह थी. जब परिजन हॉस्टल पहुंचे और इसकी सत्यता की जांच की तो न गेट कीपर ने इस बात को स्वीकार किया और न ही किसी छात्र ने. फिर यह अफवाह कैसे उड़ गयी कि साहिल को गेट कीपर ने 12 जनवरी की सुबह साढ़े आठ बजे देखा है. क्या इस अफवाह के पीछे कोई साजिश है?
कमरे में क्यों छोड़ दिया मोबाइल-पर्स
अगर साहिल को दिल्ली जाना था तो उसने हॉस्टल के कमरे में अपना मोबाइल, पर्स, अंगूठी आदि क्यों छोड़ दिया. यह सवाल परिजनों को परेशान कर रही है. क्या साहिल किसी बात से परेशान था और उसने आत्महत्या करने का मन बना लिया था? या फिर किसी के दबाब में आकर उसने ऐसा किया.
दिल्ली जाने के लिए निकला था साहिल
संदीप ने बताया कि साहिल 11 जनवरी की रात हॉस्टल से दिल्ली जाने के लिए निकला. उसने सेकेंड क्लास का टिकट कटाया और कोटा से मेवाड़ एक्सप्रेस पकड़ कर दिल्ली के लिए रवाना हो गया. उसने कोटा स्टेशन पर 11 जनवरी की रात 11.16 मिनट में टिकट कटाया. टिकट कटाने के ठीक तीन घंटे बाद रात 2.01 बजे गंगापुर रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर दूर साहिल की लाश रेल पुलिस को मिली.
सेंट जोसेफ स्कूल में शोकसभा
कोटा में छात्र साहिल की हुई मौत को लेकर बुधवार को सेंट जोसेफ स्कूल में शोकसभा हुई. दिवंगत आत्मा की शांति को लेकर प्रार्थना की गयी. मौके पर फादर वर्गीस पन्नघट ने कहा कि साहिल पढ़ने में काफी तेज था. अपने क्लास में हमेशा दूसरे छात्रों से पढ़ाई में आगे रहता था. स्कूल को भी उससे काफी उम्मीद थी, लेकिन साहिल की दर्दनाक मौत से स्कूल प्रशासन आहत है. पुलिस से मांग करता है कि घटना का सच का उजागर करे. जो लोग साहिल की मौत के जिम्मेवार हैं, उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई करे. साहिल 2013 में दसवीं की परीक्षा यहां से पास किया था. शोकसभा में फादर अमल राज, डॉ विनोद चौधरी, डॉ ललित मिश्र, डॉ सुमित, गिरधर चौधरी, मोना मिस, डोनाल्ड सर, नवीन जैन, धीरज कुमार, रवि शंकर, अशोक झा, सर्वेश कुमार, सिल्टू व पिंटू सर आदि उपस्थित थे.