गुरु पूर्णिमा को हो सार्वजनिक अवकाश : स्वामी आगमानंद

स्वामी आगमानंद बोले-गुरु-शिष्य परंपरा को अक्षुण्ण रखने की जरूरत भागलपुर : गुरु-शिष्य परंपरा को अक्षुण्ण रखना ही होगा. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है. इसके लिए सबको कोशिश करनी होगी. हमें अपनी भाषा-संस्कृति पर गर्व करना होगा. प्रचार-प्रसार के लिए सब को आगे आना होगा. पिछले चार दिन से लाजपत पार्क में चल रहे सातवें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2016 5:12 AM

स्वामी आगमानंद बोले-गुरु-शिष्य परंपरा को अक्षुण्ण रखने की जरूरत

भागलपुर : गुरु-शिष्य परंपरा को अक्षुण्ण रखना ही होगा. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है. इसके लिए सबको कोशिश करनी होगी. हमें अपनी भाषा-संस्कृति पर गर्व करना होगा. प्रचार-प्रसार के लिए सब को आगे आना होगा. पिछले चार दिन से लाजपत पार्क में चल रहे सातवें गुरु पूर्णिमा महोत्सव के समापन मौके पर बुधवार को अपने सैकड़ों शिष्यों की मौजूदगी में परमहंस स्वामी आगमानंद जी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार व बिहार की नीतीश सरकार से मांग की कि गुरु पूर्णिमा को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाये. उन्होंने कहा, पहले गुरु पूर्णिमा को राज्य सरकारें स्कूल-कॉलेजों में छुट्टी देती थीं,
लेकिन अब वह भी बंद हो गया. शिक्षा के व्यवसायीकरण ने गुरु-शिष्य परंपरा का घोर क्षरण कर दिया है. स्वामी जी ने माता-पिता व अभिभावकों से अपील की कि वे घर को ही संस्कार की पहली पाठशाला बनायें, तभी बच्चे संस्कारवान होंगे.
सैकड़ों शिष्यों ने ली दीक्षा. उधर, अंतिम दिन भी सैकड़ों शिष्यों ने स्वामी जी से दीक्षा ली. दीक्षा लेनेवालों में 92 साल के विश्वनाथ दुबे से लेकर 12 साल तक एक बच्चा भी शामिल था. स्वामी जी पढ़नेवाले बच्चों को मां सरस्वती का मंत्र देते हैं. सबसे बुजुर्ग विश्वनाथ दुबे दीक्षा के बाद भावुक हो गये और
बोले-आज मुझे गुरु मंत्र के साथ गुरु के चरण का आशीष भी मिल गया. अब मुझे शरीर छोड़ने में कष्ट नहीं होगा. स्वामी जी ने अपने नये अनुयायियों से कहा, भौतिकतावादी संसाधन जुटाने की बजाय ईश्वर प्राप्ति के मार्ग पर चलो. ध्यान-पूजा करके आंतरिक गंदगी दूर करो.
वीरान हो गया लाजपत पार्क. 18 जुलाई से दिन-रात हजारों लोगों की गहमा-गहमी का गवाह रहा लाजपत पार्क बुधवार की रात ए‍क बार फिर से वीरान हो गया. जाते-जाते कई शिष्य रो पड़े. स्वामी जी करीब पांच बजे पार्क से बाहर निकले, फिर तो काली रात जैसी वीरानगी छानी शुरू हो गयी. शाम होते पूरा पार्क खाली हो गया. सभी यह संकल्प लेकर अपने-अपने घरों को रवाना हुए कि आठवां गुरु पूर्णिमा महोत्सव इस साल से भी अधिक भव्य मनायेंगे.
और नहीं बरसा पानी. स्वामी जी का 18 जुलाई से कार्यक्रम शुरू होना था. 17 को बातचीत में घनघोर बारिश के बीच स्वामी जी ने हंसते हुए कहा कि यह कार्यक्रम अगर जिला स्कूल में हुआ होता, तो खूब बारिश होती. लेकिन अब यह लाजपत पार्क में हो रहा है, तो 18 से 20 जुलाई तक बारिश को ही थमना होगा. स्वामी की यह बात सच साबित हुई. इसे विज्ञान माने या माने, लेकिन उनके शिष्यों ने तो मान लिया है कि स्वामी आगमानंद की कृपा से बारिश नहीं हुई. कुछ शिष्यों ने तो दावा किया कि मंगलवार को भागलपुर शहर के आसपास जम कर बारिश हुई, लेकिन यहां एक बूंद नहीं गिरी.

Next Article

Exit mobile version