गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे नौशाद व तौफीक

अजगैवीनगरी में दिखता है भाईचारे का संगम भागलपुर : सुलतानगंज सीढ़ी घाट पर एक तरफ मंदिर में पूजा-पाठ व दूसरी ओर मसजिद में सजदा होता है और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है. वहीं दूसरी ओर भागलपुर के कुछ लोग भी इस संदेश को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. इसी में मोजाहिद के नौशाद और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 24, 2016 6:36 AM

अजगैवीनगरी में दिखता है भाईचारे का संगम

भागलपुर : सुलतानगंज सीढ़ी घाट पर एक तरफ मंदिर में पूजा-पाठ व दूसरी ओर मसजिद में सजदा होता है और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश देता है. वहीं दूसरी ओर भागलपुर के कुछ लोग भी इस संदेश को मजबूती प्रदान कर रहे हैं. इसी में मोजाहिद के नौशाद और हबीबपुर का तौफीक कांवरियों के लिए श्रद्धापूर्वक पोशाक व अन्य सामान तैयार कर गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश कर रहे हैं.
नौशाद तैयार करता है कांवरियां का पट्टा व माता की चुनरी : हड़ियापट्टी में कांवरियों के लिए सिर में बांधने वाला पट्टा व माता की चुनरी बड़े पैमाने पर तैयार किया जाता है. मो नौशाद ने बताया कि चार वर्षों से इस काम में लगे हैं. माता की चुनरी व कांवरियों के लिए पट्टा तैयार करने के वक्त हिंदुओं की श्रद्धा का ख्याल रखते हैं. कोई भी ऐसा काम नहीं करते, जिससे उनकी भावना को ठेस पहुंचे. उनका कहना है कि हड़ियापट्टी में कई और मुसलिम समाज के लोग हैं, जो इस कार्य में लगे हैं. उन्हें धर्म में अंतर होने से कोई मतलब नहीं है. रोजगार के वक्त किसी प्रकार भेदभाव नहीं होता है.
कमर बैग बनाने में 100 से अधिक मुसलिमों का योगदान
हबीबपुर, चमेलीचक, शाहजंगी आदि स्थानों पर कांवरियों के उपयोग में आनेवाला बैग बनाने में 100 से अधिक मुसलिम लगे हैं. हबीबपुर के मो तौफीक बताते हैं कि पूरे भागलपुर में रोजाना 3000 से 4000 पीस तक कमर बैग तैयार होता है. मो शानू ने बताया कि हबीबपुर में अफजल, परवेज, तबरेज,शब्बीर, मुस्ताक आदि इस काम में लगे हैं. बड़े कारखाना में 20 लोग तक काम करते हैं.
यहां होती
है सप्लाइ
सुल्तानगंज, देवघर, बासुकीनाथ, बांका, अमरपुर एवं भागलपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में सप्लाइ हाेती है. कारखाना में कमर बैग 25 से 65 रुपये लागत में तैयार होता है, जिसकी कीमत 35 से 100 रुपये तक है.

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