गोपालपुर : गंगा के जलस्तर में वृद्धि के कारण इस्माइलपुर प्रखंड की पांच पंचायतों की 50 हजार की आबादी अपने घरों में कैद होकर रह गयी है. सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को हो रही है. शौच के लिए शर्मसार होना पड़ रहा है. शुद्ध पेयजल नहीं है. लोग बाढ़ का गंदा पानी पीने को विवश हैं. प्रशासन द्वारा अभी तक नाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. लोग केले के थंब व ट्यूब के सहारे जान जोखिम में डाल कर जरूरी काम से घर से निकल रहे हैं.
पशुचारे के अभाव में पशुपालक परेशान हैं. सरकारी स्कूल बाढ़ के कारण बंद कर दिये गये हैं. बाढ़ के कारण हर वर्ष स्कूली बच्चे पढ़ाई से वंचित हो रहे हैं. शिक्षा विभाग के पदाधिकारी पढ़ाई की क्षतिपूर्ति की बात तो करते हैं, लेकिन इस पर अमल नहीं होता. इस्माइलपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सुधांशु कुमार ने बताया कि यहां की सभी पंचायतों की एएनएम को प्रतिदिन बाढ़ पीड़ितों को दवा वितरण करने और शाम को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
इधर जिला पार्षद विपिन कुमार मंडल ने प्रशासन से तत्काल नाव की व्यवस्था करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि नाव की व्यवस्था रहती, तो मुकेश की मौत नहीं होती. बोतलटोला और गोनरचक दियारा में करीब चार सौ घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है.