राघोपुर में कटाव जारी, बचाव के लिए हाथी पांव तकनीक का इस्तेमाल

खरीक : गंगा-कोसी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही कटाव की रफ्तार तेज हो गयी है. कटाव प्रभावित क्षेत्र के पास महज पांच फीट चौड़ा ध्वस्त तटबंध का भाग बचा है, जो कभी भी पानी में समा सकता है और राघोपुर में बाढ़ आ सकती है. राघोपुर में हो रहे कटाव को रोकने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 2, 2016 4:32 AM

खरीक : गंगा-कोसी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही कटाव की रफ्तार तेज हो गयी है. कटाव प्रभावित क्षेत्र के पास महज पांच फीट चौड़ा ध्वस्त तटबंध का भाग बचा है, जो कभी भी पानी में समा सकता है और राघोपुर में बाढ़ आ सकती है. राघोपुर में हो रहे कटाव को रोकने के लिये बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष उमाशंकर सिंह और प्रकाश चंद्र ने सोमवार को अभियंताओं को हाथी पांव तकनीक का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया.

वहीं कोसी के जलस्तर में थोड़ी कमी होने के बाद पीपरपांती और सिहकुंड में कटाव शुरू हो गया है. इससे तटीय क्षेत्र के लोगों में दहशत है. टापू में तब्दील लोकमानपुर, सिहकुंह, रतनपुरा आदि गांवों में दो दिन से तेज धूप के कारण जलजनित बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है.

क्या कहते हैं अधिकारी : जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता उमेश मुखिया ने कहा राघोपुर में कटाव रोकने के लिए हाथीपांव तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है.

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