भागलपुर : लोड से कम बिजली लेने और आपूर्ति करने के मामले में बेसा के डीजीएम सुरेश प्रसाद सिंह ने फ्रेंचाइजी कंपनी को तलब किया. कंपनी के टेक्निकल हेड अमित रंजन को बुला कर हिदायत दी कि जिस इलाके के फीडर को कम बिजली मिल रही है, उसे मेंटेन किया जाये. उन्होंने शट डाउन के नाम पर होने वाली बिजली कटौती पर निर्देश दिया कि 33, 11 व एलटी लाइन यानी तीनों का एक साथ मेंटेनेंस करायें. अगल-अलग दिनों में बारी-बारी से लाइनों के मेंटेनेंस कराना उचित नहीं है.
इससे बिजली की कटौती ज्यादा होती है. उन्होंने ट्रांसफॉर्मर का काम कराने के लिए फीडर बंद रख देने पर आपत्ति जतायी और कहा कि स्विच लगाये, ताकि बिजली की आपूर्ति प्रभावित नहीं रह सके.
इस तमाम बातों पर फ्रेंचाइजी कंपनी ने अपनी सहमति जतायी. डीजीएम श्री सिंह ने कहा कि निर्देशों का पालन शत प्रतिशत नहीं होता है, तो इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को की जायेगी. पिछले दिनों अलीगंज विद्युत उपकेंद्र की जांच का रिपोर्ट जल्द ही मुख्यालय को भेजी जायेगी.
जानें अधिकतम लोड और कितनी ली जा रही बिजली
अलीगंज विद्युत उपकेंद्र : 17 मेगावाट में 13 मेगावाट
मोजाहिदपुर पावर हाउस : चार मेगावाट में तीन मेगावाट
नाथनगर विद्युत उपकेंद्र : 11 मेगावाट में 10 मेगावाट
टीटीसी विद्युत उपकेंद्र : आठ मेगावाट में छह मेगावाट
सिविल सर्जन विद्युत उपकेंद्र : 13 मेगावाट में 11 मेगावाट
मायागंज विद्युत उपकेंद्र : आठ मेगावाट में छह मेगावाट
सेंट्रल जेल विद्युत उपकेंद्र : छह मेगावाट में पांच मेगावाट
बरारी विद्युत उपकेंद्र : चार मेगावाट में तीन मेगावाट
(नोट : विद्युत उपकेंद्रों के अनुसार)
क्षमता से 30 प्रतिशत कम बिजली का लोड पावर ट्रांसफॉर्मर पर देने का प्रावधान है. हरेक पावर ट्रांसफॉर्मर पर अधिकतम लोड से ही बिजली की आपूर्ति हो रही है. अगर कोई कह रहा है कि अधिकतम लोड से कम बिजली लिया जा रहा है, तो यह गलत है. ग्रिड से ही लोड बढ़ने का हवाला देकर फीडर बंद करायी जाती है.
अमित रंजन , टेक्निकल हेड, बीइडीसीपीएल