भागलपुर : दो डेंगू के मरीज होने पुष्टि सोमवार को हुई, तो आनन-फानन में अव्यवस्था के बीच डेंगू वार्ड खोलकर दोनों मरीजों काे भरती कर दिया गया. सोमवार को दोपहर तक न तो नर्स की स्थायी नियुक्ति की गयी थी और न ही चिकित्सक की. दोनों डेंगू के मरीजों का चेकअप से इलाज आदि की जिम्मेदारी उसी चिकित्सक (डॉ भारत भूषण) के जिम्मे थी, जो उसे मेडिसिन वार्ड में देख रहे थे. सोमवार को जब दोनों मरीज भरती हुए,
तो उस वक्त न तो वार्ड के एसी चालू हालत में थे और न ही पानी की आपूर्ति थी. दोपहर तक जब मीडियाकर्मियों का पहुंचना शुरू हुआ, तो आनन-फानन में मरीज के वार्ड के एसी को चालू और पानी की आपूर्ति की गयी. कहने को तो वार्ड में 10 बेड की व्यवस्था है, लेकिन सोमवार को तीन बजे तक महज आधा दर्जन ही बेड दिखे. एक कमरे को छोड़, बाकी तीनों कमरे में न तो एसी चालू था और न ही बेड का पता चल रहा था.
इलाज मायागंज में, एलाइजा टेस्ट बाहर
पांच अगस्त को बलवीर सिंह व छह अगस्त को हामिद अंसारी मायागंज हॉस्पिटल में भरती होते हैं. दोनों का प्लेटलेट्स क्रमश: 21 हजार व 35 हजार पाया जाता है. लक्षण दिखने के बावजूद दोनों का एलाइजा टेस्ट मायागंज हॉस्पिटल में कराने के बजाय बाहर से कराया जाता है. हामिद अंसारी अपना एलाइजा टेस्ट आदमपुर व बलवीर अपना एलाइजा टेस्ट साहेबगंज में कराता है. पॉजीटिव मिलने पर आनन-फानन में दोनों काे मेडिसिन वार्ड से डेंगू वार्ड में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
ड्यूटी कौन करेगा, यह भी निश्चित नहीं
सुबह की ड्यूटी के लिए स्किन वीडी से एक नर्स को बुलाकर यहां पर ड्यूटी कराया गया, तो दो बजे से ड्यूटी करने के लिए ढाई बजे इमरजेंसी से नर्स को बुलाया गया. रात की ड्यूटी कौन करेगा, इसका निर्णय चार बजे तक नहीं किया गया था. यहां तक कि मरीज के इलाज के लिए हर साल की तरह अलग से डॉक्टर तक की तैनाती इस वार्ड में नहीं की गयी थी, जबकि स्वास्थ्य प्रिंसिपल सेक्रेटरी आरके महाजन ने आदेश पत्र में एक अगस्त से ही डेंगू वार्ड में चिकित्सक व नर्स की तैनाती का निर्देश दिया था.
पीओडी के चिकित्सक देखेंगे डेंगू के मरीज : डॉ आरसी मंडल
जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक डॉ आरसी मंडल ने बताया कि जल्द ही नये चिकित्सक ज्वाइन करेंगे, तो उन्हें डेंगू वार्ड में तैनात कर दिया जायेगा. तब तक पीओडी के चिकित्सक डेंगू के मरीजों का इलाज करेंगे. मंगलवार से तीनों शिफ्ट में दो-दो नर्सों की नियुक्ति कर दी जायेगी.