अब भी जर्जर है नेपाली स्मृति भवन

स्मृति शेष Â 11 अगस्त 1911 को बेतिया में जन्म, भागलपुर से रहा है गहरा लगाव भागलपुर : त त्कालीन सांसद व देश के वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अनुशंसा पर वर्ष 2006 में जिला विकास शाखा की ओर से दो लाख की राशि से मारवाड़ी पाठशाला स्थित नेपाली स्मृति भवन का जीर्णोंद्धार कराया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2016 7:17 AM

स्मृति शेष Â 11 अगस्त 1911 को बेतिया में जन्म, भागलपुर से रहा है गहरा लगाव

भागलपुर : त त्कालीन सांसद व देश के वर्तमान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की अनुशंसा पर वर्ष 2006 में जिला विकास शाखा की ओर से दो लाख की राशि से मारवाड़ी पाठशाला स्थित नेपाली स्मृति भवन का जीर्णोंद्धार कराया गया था. बावजूद इसके यह अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. भवन को देखने से कहीं से भी ऐसा नहीं लगता है कि इसकी कभी मरम्मत करायी गयी हो. भवन के ऊपरी हिस्सों को ढकने के लिए टीन की चादर बिछायी गयी थी. वह भी अब पुरानी हो गयी है. फर्श का भी
पक्कीकरण नहीं किया गया था. सभागार के पाये की ईंट उखड़ जा रही है. मंच की दीवार भी ढह गयी है, जिससे यह स्थान आवारा पशुओं का बसेरा बन गया है. सामाजिक कार्यकर्ता जगतराम साह कर्णपुरी ने बताया कि 17 अप्रैल 1963 को उनका भागलपुर में ही संदिग्ध अवस्था में देहावसान हुआ था. 1963 में राष्ट्र कवि गोपाल सिंह नेपाली के पार्थिव शरीर को 20 घंटे से अधिक समय तक यहां रखा गया था. साहित्यकारों का आरोप है कि इसमें दिखावे का कार्य किया गया था.
नेपाली के नाम पथ को मिल चुकी है स्वीकृति : सड़क का नाम रखने के लिए 2005 में आंदोलना हुआ. तत्कालीन कमिश्नर अजय नायक को ज्ञापन सौंपा गया था. इसके बाद शब्द यात्रा ने लगातार आवाज उठायी. शब्द यात्रा के संस्थापक पारस कुंज ने बताया कि नगर निगम में 22 अप्रैल 2010 में फिर मांग उठायी गयी. तत्कालीन अपर नगर आयुक्त शशिकांत तिवारी से भी पत्र से अनुरोध किया गया. 28 अप्रैल 2010 को भागलपुर नगर निगम में सशक्त स्थायी समिति की बैठक में महापौर डॉ वीणा यादव की अध्यक्षता में सर्वसम्मति से स्टेशन चौक से दुग्धेश्वर नाथ महादेव चौक के आगे मेला स्टोर तक का नाम सर्वसम्मति से गोपाल सिंह नेपाली पथ स्वीकृत किया गया. चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी शिलापट्ट लगाने का प्रयास शुरू कर दिया है.
1963 में जनकवि गोपाल सिंह नेपाली के पार्थिव शरीर को 20 घंटे से अधिक समय के लिए मारवाड़ी पाठशाला स्थित नेपाली स्मृति भवन में रखा गया था
जनकवि गोपाल सिंह नेपाली की जयंती पर विशेष
गीतकार के रूप में नेपाली को मिली प्रसिद्धि : गोपाल सिंह नेपाली का जन्म बेतिया में 11 अगस्त 1911 को हुआ. उनकी रुचि बचपन से ही कविता लेखन से रहा. 1927 से उनकी कविता की लेखनी में धार आयी. 1944 में नेपाली मुंबई की फिल्म कंपनी फिल्मीस्तान से एक गीतकार के रूप में जुड़ गये. मजदूर फिल्म के लिए जो गीत लिखा, उससे उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली. इसके बाद नागपंचमी, मायाबाजार, शिकारी आदि फिल्मों के लिए भी गीत लिखे.
जनकवि गोपाल सिंह नेपाली का भागलपुर से गहरा लगाव रहा था.वह साहित्य गोष्ठी अन्य कार्यक्रमों में भी भागलपुर आते रहे थे.

Next Article

Exit mobile version