टिल्हाकोठी में सामाजिक संगठन को भोजन तैयार करने से रोका, नोकझोंक
भागलपुर : ल्हा कोठी में बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए सेवा भारती की ओर से भोजन तैयार किया जा रहा था. इसे लेकर डीसीएलआर सुबीर रंजन ने सेवा भारती के सदस्यों से कहा कि राहत शिविर में सरकार की ओर से बनने वाले चावल, दाल व सब्जी का ही वितरण बाढ़ पीड़ितों के बीच किया […]
भागलपुर : ल्हा कोठी में बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए सेवा भारती की ओर से भोजन तैयार किया जा रहा था. इसे लेकर डीसीएलआर सुबीर रंजन ने सेवा भारती के सदस्यों से कहा कि राहत शिविर में सरकार की ओर से बनने वाले चावल, दाल व सब्जी का ही वितरण बाढ़ पीड़ितों के बीच किया जायेगा. सामाजिक संगठनों के द्वारा तैयार भोजन वितरण नहीं किये जायेंगे. इसे लेकर सेवा भारती के सदस्यों व डीसीएलआर के बीच नोकझाेंक हो गयी. मौके पर मौजूद लोगों ने मामला को शांत कराया.
सेवा भारती के सदस्य मृणाल शेखर, दीपक घोष, पवन गुप्ता ने बताया कि सरकार की ओर से शिविर में कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी. संस्था की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजन की व्यवस्था की गयी थी. संस्था की ओर से लोगों के बीच दूध व बिस्कुट आदि का वितरण लगातार किया जा रहा है. दोपहर में भी खिचड़ी बाढ़ पीड़ितों को खिलाया गया है. रात में भी चावल, दाल व सब्जी की व्यवस्था की गयी है.
रात में भजन कार्यक्रम भी रखा गया है. डिप्टी मेयर प्रीति शेखर ने भी कहा कि सामाजिक संगठनों को भोजन देने से मना करना तुगलकी फरमान है. इस पीड़ा की घड़ी में सभी लोगों को मिल कर काम करने की आवश्यकता है. बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर राजनीति करने से परहेज करें.
नरेश यादव, अनिल दास, चंदन कुमार ने बताया कि सरकार की ओर से सप्ताह भर के अंदर एक से दो बार खिचड़ी मिला है. इसमें आधा पेट ही दिया जाता है. सामाजिक संगठनों की ओर से लगातार उनलोगों को भोजन आदि मिलते रहे हैं. सामाजिक संगठन व सरकार की ओर से मिलने वाले भोजन में भी फर्क है. उन्होंने सरकार के इस निर्णय का विरोध किया.
लूंगी व ग्लास मिले. सरकार की ओर से टिल्हा काठी में बाढ़ पीड़ितों के बीच लूंगी, बच्चे का गंजी, पैंट, ग्लास, थाली, कटोरा व चना शनिवार को वितरण किया गया.
पानी के अभाव में भोजन नहीं हो सका तैयार. टिल्हा कोठी राहत शिविर में सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ितों के लिए तैयार कराये जा रहे चावल, दाल व सब्जी पानी के अभाव में समय पर तैयार नहीं हो पाया. पानी नहीं रहने से चावल तैयार नहीं किया जा सका. दोपहर से भोजन तैयार करने का काम चल रहा था,
लेकिन शाम चार बजे तक सिर्फ दाल ही तैयार हो पाया था. रसोइया ने बताया कि पानी नहीं मिलने से चावल तैयार नहीं हो पाया है. संबंधित अधिकारी को पानी उपलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन पानी शाम तक उपलब्ध नहीं कराया. एेसे में भोजन तैयार होने में और समय लग सकता है.