जद्दोजहद के बाद भी नहीं बच पाया तटबंध

कुरसेला : आखिरकार अभियंताओं का दल गुमटी टोला लिंक बांध को निरोधात्मक कार्य के जदोजेहद के बाद भी बचा नहीं पाया. पानी के दबाब और चूक ने बांध को काट डाला. यह लिंक तटबंध बाढ़ सुरक्षा में पुरानी रेल लाइन में बनाया गया है. मरम्मत के अभाव में तटबंध की स्थिति कई स्थानों पर काफी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2016 3:02 AM

कुरसेला : आखिरकार अभियंताओं का दल गुमटी टोला लिंक बांध को निरोधात्मक कार्य के जदोजेहद के बाद भी बचा नहीं पाया. पानी के दबाब और चूक ने बांध को काट डाला. यह लिंक तटबंध बाढ़ सुरक्षा में पुरानी रेल लाइन में बनाया गया है. मरम्मत के अभाव में तटबंध की स्थिति कई स्थानों पर काफी खराब हो चुकी थी. पुराना रेल लाइन का बांध होने से इसके लिये पानी का बढ़ता दबाब सह पाना कठिन हो गया था. गुमटी टोला से जुड़ा इस तटबंध की लम्बाई तकरीबन दो किमी के करीब है. पानी के क्षरण से तटबंध के भाग कमजोर पड़ गये थे.

बाढ़ के पानी का दबाब बढ़ने से तटबंध भाग में कई स्थानों पर कटने की स्थिति पैदा होने लगी थी. जिसे लेकर अभियंताओं को दल तटबंध बचाने के प्रयास में लगातार निरोधात्मक कार्य चला रहे थे. इस बीच दो स्थानों पर पूर्व में तटबंध को कटने से बचाव करने में सफलता भी मिली. जिस जगह तटबंध का भाग कटा वहां तटबंध पर काफी घना जंगल है. माना जाता है कि जंगल स्थिति के भय से अभियंता दलों का बचाव कार्य इस स्थान को निगरानी में नहीं ले सका होगा.

अन्यथा रात के अंधेर में तटबंध भाग के एक स्थान पर हुए कटाव पर जब काबू पा लिया गया तो ऐसी स्थिति में दिन के उजाले में तटबंध के हिस्से कैसे कट गये. बचाव कार्य के निगरानी में हुयी चुक तटबंध टूटने की आशंकाओं को प्रकट करता है. विभागीय स्तर पर भी तटबंध के स्थितियों पर कभी बारिकी से गौर नहीं किया गया. जिससे तटबंध लगातार जर्जर होती चली गयी और पानी के दबाब सहने लायक नहीं रह गयी. बाढ़ सुरक्षा की दृष्टि से यह लिंक बांध बहुत अहम है.

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