राहत शिविरों में 56 हजार से अधिक को भोजन

बाढ़ व राहत कार्यों पर जिलाधिकारी की पत्रकार वार्ता आपदा के तहत 14 पीड़ित को दिये चार लाख रुपये पानी से घिरे लोगों तक दिये जा रहे कच्चे अनाज भागलपुर : जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने कहा कि बाढ़ के कारण जिले के 14 प्रखंड डूबे हुए हैं, जहां राहत शिविर के माध्यम से 56 हजार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2016 5:19 AM

बाढ़ व राहत कार्यों पर जिलाधिकारी की पत्रकार वार्ता

आपदा के तहत 14 पीड़ित को दिये चार लाख रुपये
पानी से घिरे लोगों तक दिये जा रहे कच्चे अनाज
भागलपुर : जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने कहा कि बाढ़ के कारण जिले के 14 प्रखंड डूबे हुए हैं, जहां राहत शिविर के माध्यम से 56 हजार से अधिक लोगों को भोजन मिल रहा है. पानी से घिरे लोगों के घर तक कच्चा राशन पहुंचा रहे हैं. मगर सबसे असली चुनौती बाढ़ का पानी जाने के बाद की है. प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. प्रत्येक पीएचसी पर ब्लीचिंग और गैमेक्सीन का स्टॉक भेजा है. पानी घटते ही गांवों में छिड़काव शुरू कर देंगे.
वे मंगलवार को बाढ़ व राहत कार्य को लेकर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में सर्पदंश की घटना को रोकने के लिए अधिक लाइटिंग करने के लिए कहा गया है.
बाढ़ से नहीं, आपदा के शिकार हुए लोग : डीएम ने कहा कि जिले में बाढ़ के कारण मौत नहीं हुई है. विगत दिनों मरने वाले लोग को आपदा के शिकार की श्रेणी में रखा गया है. ऐसे 21 मामले हैं, जिनमें से 14 को आपदा मद से प्रत्येक को चार लाख रुपये का मुआवजा मिला. वहीं सात मामलों में मानक के तहत जांच चल रही है.
मुख्यमंत्री के निर्देश काफी हद तक हो गये पूरे : डीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रत्येक शिविर में व्यक्ति व पशु के लिए शेड बनाने के लिए कहा. कई शिविर में शेड बन गया है. 40 व्यक्तियों पर शौचालय बनाने के लिए कहा है. बांका से सात पानी के टैंकर और 15 अतिरिक्त पानी टैंकर मंगवाये गये हैं.
ये रहे तल्ख तेवर वाले निर्देश
पैसे मांगने वाले सरकारी नाव का भुगतान नहीं होगा.
पशु चारा ठीक नहीं देने पर संबंधित कर्मचारी पर कार्रवाई होगी.
आपदा कार्य में कोताही करने वालों पर अधिनियम के तहत प्राथमिकी होगी.
राहत शिविरों में सुस्त कार्रवाई करने पर वरीय प्रभारी व शिविर प्रभारी नपेंगे.
पानी घटने के बाद क्षति का सर्वे, मिलेगा मुआवजा
डीएम ने कहा कि पानी घटने के बाद क्षति का सर्वे होगा. इनमें कई प्रकार की क्षति के पीड़ित का आकलन होगा. उन्हें आपदा के तहत बजट दिया जायेगा. क्षति आकलन में प्रत्येक परिवार को को तीन हजार रुपये नगद और इतने ही खाद्यान्न के लिए मिलेगा. इसके अलावा झोपड़ी के लिए 4100 रुपये, पक्का मकान को लेकर 5200 रुपये, भैंस-गाय पर 30 हजार रुपये और भेड़-बकरी पर तीन हजार रुपये दिये जायेंगे
चावल के किस्म पर हो रही दिक्कत : डीएम ने बताया कि कई राहत शिविर में चावल के किस्म पर एतराज हो रहा है. चावल के अरबा और उसना को लेकर विस्थापित में दिक्कत है. सरकार से ऊसना चावल के लिए मार्गदर्शन मांगा है.
फटे हुए कपड़े नहीं लें, बदले जायेंगे : डीएम ने कहा कि प्रत्येक शिविर में फटे हुए कपड़े को नहीं लेने की सलाह दी गयी है. उन कपड़ों को बदलने के लिए कहा गया है. काफी संख्या में हुई खरीद के कारण क्वालिटी में दिक्कत आयी है

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