नवगछिया में बाढ़ हुई विकराल, भारी तबाही
आपदा. बिशु राउत सेतु का संपर्क पथ भंग, मधेपुरा से कटा सीधा संपर्क मदहदपुर गांव जलमग्न, चंद्रखरा मुरली और रंगरा प्रखंड के कई गांव के निचले इलाकों में भी तेजी से फैल रहा पानी गंगा के जल स्तर में हो रही कमी के बावजूद नवगछिया शहर की स्थिति भयावह, जनजीवन प्रभावित नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल […]
आपदा. बिशु राउत सेतु का संपर्क पथ भंग, मधेपुरा से कटा सीधा संपर्क
मदहदपुर गांव जलमग्न, चंद्रखरा मुरली और रंगरा प्रखंड के कई गांव के निचले इलाकों में भी तेजी से फैल रहा पानी
गंगा के जल स्तर में हो रही कमी के बावजूद नवगछिया शहर की स्थिति भयावह, जनजीवन प्रभावित
नवगछिया : नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड स्थित गंगा प्रसाद जमीनदारी तटबंध लक्ष्मीपुर के पास टूट जाने से नवगछिया शहर और आसपास के इलाकों में बाढ़ की स्थिति विकराल होती जा रही है. शहर में पानी की आमद लगातार हो रही है. पिछले दो दिनों में पानी में वृद्धि ही दर्ज की गयी है. बुधवार को नवगछिया से मधेपुरा का सीधे रास्ते से संपर्क भंग हो गया. बाबा बिशु राउत सेतु पथ पर तेतरी गांव के पास निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज के नीचे से करीब 200 मीटर तक पानी Â बाकी पेज 17 पर
का तेज बहाव दूसरी दिशा में होने लगा. नवगछिया की तीन पंचायत खैरपुर कदवा, पुनामा प्रतापनगर व ढोलबज्जा का संपर्क भी अनुमंडल मुख्यालय से भंग हो गया है. बाढ़ का पानी नये इलाकों में तेजी से फैल रहा है. मदहदपुर गांव जलमग्न हो चुका है.
तनाव के बीच खोला गया मदहदपुर का भंवरा, खरीक प्रखंड भी हो सकता है प्रभावित
मदहदपुर में एनएच-31 पर भंवरा खोलने और नहीं खोलने देने को लेकर देर शाम तक तनाव की स्थिति थी. शाम में भंवरा खोलने आये प्रशासनिक पदाधिकारियों को खरीक और अंभो के ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. फर देर शाम आये पदाधिकारियों ने मदहदपुर स्थित भंवरा खोल दिया. सुबह तक गंगा का पानी नवगछिया के जमुनिया, खरीक के अंभो और बाद में गोटखरीक के अलावा अन्य गांवों तक पहुंच जाने की संभावना है. भंवरा खोले जाने से खरीक प्रखंड के लोगों में भारी आक्रोश है. पानी के फैलाव को लेकर भंवरा खोलने का निर्णय प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा लिया गया.
सारे संपर्क पथ पर अभी भी पांच-छह फीट पानी
इधर पांच दिनों से जलमग्न नवगछिया अनुमंडल कार्यालय, कोर्ट परिसर, पुलिस अधीक्षक आवास और कार्यालय, नवगछिया नया टोला व नवगछिया के सभी संपर्क पथ पर अभी भी पांच- छह फीट पानी बह रहा है. जलस्तर में यहां कोई कमी नहीं आयी है. सारे संपर्क पथ भंग हो जाने से नवगछिया का जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है.
स्टेशन परिसर में छह फीट पानी
नवगछिया शहर के नया टोला के पास प्लेटफाॅर्म नंबर दो के पास स्टेशन परिसर में छह फीट पानी का प्रवाह हो रहा है. यात्री बड़ी कठिनाई से स्टेशन पहुंचे रहे हैं और स्टेशन से घर जा रहे हैं. नवगछिया शहर के बाजार की स्थिति बेजार हो गयी है. बाजार की रौनक गायब है. नवगछिया में बाढ़ का पानी रहने से सिर्फ स्थानीय लोेगों को ही नहीं बल्कि दूर दराज से आने वाले राहगीरों, व्यवसायियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. बाहरी लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी आवागमन की हो रही है.
अस्पताल नहीं पहुंच पा रहे लोग
अनुमंडलीय अस्पताल आसानी से रोगी नहीं पहुंच पा रहे हैं. मालगोदाम स्थित राहत कैंप में करीब एक हजार लोगों ने शरण ले रखी है. इन लोगों को दो पेट भोजन तो मिल जा रहा है, लेकिन अन्य मूलभूत सुविधा नहीं. खास कर बच्चों की स्थिति काफी खराब है. अब तक लगभग दो हजार एकड़ में लगी फसल तबाह हो चुकी है. हालांकि विभागीय स्तर से अब तक सर्वे नहीं किया गया है.
सड़क पर ही लगी कचहरी
बुधवार को भी जिला जज के नेतृत्व में सड़क पर कचहरी लगा कर आवश्यक काम निबटाये गये. नवगछिया के सभी न्यायिक पदाधिकारी व अन्य पदाधिकारी स्थानीय होटलों और धर्मशालाओं में रह रहे हैं.
नेपाल में बारिश से नूना नदी की धारा बदली
अररिया के सिकटी में फिर से बाढ़ आ गयी है. इसका कारण नेपाल में लगातार हो रही बारिश है. नूना नदी की धारा बदलने व नदी में आये उफान के कारण दर्जन भर गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. नूना नदी सिंघिया स्थित मसजिद से सटे दक्षिण निर्माणाधीन बांध को ध्वस्त करते हुए नयी दिशा में मुड़ गयी है. बुधवार को मिलचौक दहगामा, सैदाबाद, पररिया, दहगामा, वेलगुरि, सालगुरी कठुवा, औलाबड़ी, सिंघिया, कालू चौक, धपरी, पठान टोला, कडूकट्टा सहित अन्य गांव में बाढ़ का पानी घुस गया.
कटिहार : एनएच-31 पर लिया शरण
कटिहार में कुरसेला के गुमटी टोला लिंक बांध टूटने के बाद बाढ़ का पानी बुधवार को भी नये इलाकों में घुसना जारी था. समेली व कुरसेला प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश करने से लोगों के बीच अफरा तफरी की स्थिति बनी रही. गांव में पानी घुसने के बाद लोग अपने घरों को छोड़ कर एनएच-31 पर शरण लेने को मजबूर हैं.
सेतु के निर्माणाधीन ओवरब्रिज के नीचे संपर्क पथ पर पानी का बहाव तेज
एनएच से नवगछिया शहर व स्टेशन जाने का कोई रास्ता नहीं
नवगछिया में अब राष्ट्रीय राजमार्ग से नवगछिया शहर या रेलवे स्टेशन जाने के लिए कोई भी रास्ता नहीं बचा है. दूसरी तरफ मकंदपुर चौक के दोनों तरफ से रंगरा की ओर हो रहे पानी के बहाव ने तेजी से रंगरा के गांवों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है. बाढ़ का पानी रंगरा के मुरली, चंद्रखरा आदि गांव प्रभावित होना शुरू हो गया है. नये इलाकों में तेजी से बाढ़ का पानी फैल रहा है.
बाढ़ पीड़ितों की मदद में नीतीश सरकार विफल : सुशील मोदी
नवगछिया के माल गोदाम स्थित राहत शिविर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नवगछिया में बाढ़ की स्थिति भयावह है. नीतीश सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद करने में पूरी तरह से विफल रही है. मालगोदाम स्थित शिविर पर
में एक हजार लोग रह रहे हैं, लेकिन इनके रहने की व्यवस्था नहीं है. शाम चार बजे और रात 12 बजे खाना मिलता है. श्री मोदी ने कहा कि नवगछिया में अगर प्रशासन सतर्क रहता, तो इतनी बड़ी तबाही नहीं होती
. समय रहते ही प्रशासन को बांधों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहना चाहिए था. अगर बांध टूट भी गया था तो कम से कम भंवरा को सील कर देना था, लेकिन प्रशासन ने भंवरा खुला छोड़ दिया, जिसके कारण इतनी बड़ी तबाही हुई. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दो बार भागलपुर आये लेकिन बाढ़ पीड़ितों के लिए कोई भी कार्य नहीं हुआ. प्रशासनिक पदाधिकारियों ने पीड़ितों की मदद के लिए कोई काम नहीं किया. उन्होंने कहा कि राहत शिविरों में न तो शौचालय की व्यवस्था है और
न ही पेयजल की. बच्चे दूध के लिए रो रहे हैं, कोई देखने वाला नहीं है. पानी आने के साथ ही प्रशासन द्वारा पीड़ितों के बीच चूड़ा, आलू आदि का वितरण किया जाना चाहिए था, लेकिन जब पानी घटने लगा है तब प्रशासन चूड़ा और आलू वितरण कर रहा है. बड़े पशुओं के लिए 70 रुपये और छोटे पशुओं के लिए 50 रुपये देने हैं, लेकिन यह भी नहीं दिया जा रहा है. श्री मोदी ने कहा कि पैसे की कोई कमी नहीं है. बाढ़ राहत के लिए केंद्र सरकार 75 फीसदी रकम राज्य सरकार को दे रही है.
राज्य सरकार काे सिर्फ 25 फीसदी राशि ही देनी है. लेकिन, इच्छाशक्ति के अभाव में बाढ़ पीड़ितों की स्थिति दिनोंदिन बदतर होती जा रही है. श्री मोदी ने कहा कि माल गोदाम रेलवे की जमीन पर राहत शिविर कई दृष्टिकोण से ठीक नहीं है. प्रशासन दूसरी जगह पर राहत शिविर लगाये. उन्होंने कहा कि जैसे ही बाढ़ का पानी उतरने लगे प्रशासन को गैमक्सीन और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव अविलंब करना चाहिए ताकि महामारी न फैले. उन्होंने कहा कि पीड़ितों की जो स्थिति है
इसके लिए बिहार सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि बिहपुर विधानसभा क्षेत्र में भी इसी तरह तबाही होती, लेकिन पूर्व विधायक ई कुमार शैलेंद्र ने मुस्तैदी से बांध को टूटने से बचाया. वह रात-दिन एक कर बांध की सुरक्षा में लगे रहे. श्री मोदी के साथ पूर्व विधायक ई कुमार शैलेंद्र, भाजपा के जिलाध्यक्ष विनोद कुमार मंडल, जिला पार्षद नंदनी सरकार, चंद्रकिशोर शर्मा, मुकेश राणा आदि भी थे.