टैरा के कब्जे वाली जमीन होगी मुक्त

जो किसान आगे आयेंगे, उनके कागजात की जांच कर सीओ से नापी कर उन्हें वापस की जायेगी टैरा को भेजा गया जेल, टैरा के गुर्गे भी गांव में नजर नहीं आये भागलपुर : सबौर के ममलखा गांव का कुख्यात टैरा मंडल और उसके छोटे भाई रोहित मंडल ने सबौर से लेकर कहलगांव के दियारा इलाके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2016 5:40 AM

जो किसान आगे आयेंगे, उनके कागजात की जांच कर सीओ से नापी कर उन्हें वापस की जायेगी

टैरा को भेजा गया जेल, टैरा के गुर्गे भी गांव में नजर नहीं आये
भागलपुर : सबौर के ममलखा गांव का कुख्यात टैरा मंडल और उसके छोटे भाई रोहित मंडल ने सबौर से लेकर कहलगांव के दियारा इलाके में जिस जमीन पर जबरन कब्जा जमा लिया था, उस जमीन को किसानों को वापस दिलाने का काम अब पुलिस करेगी. इसके लिए पुलिस ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है. इस अपराधी के कब्जे में हजारोें एकड़ जमीन है, जिसे वर्षों से इसने कब्जा कर रखा है. वहीं दोनों अपराधी को पुलिस पूछताछ के बाद जेल भेज दिया है. पुलिस को टैरा ने कई अहम जानकारियां दी है. इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है.
शनिवार को सबौर से लेकर ममलखा गांव सहित दियारा के कई इलाकोंं के किसानों ने राहत की सांस ली. गांव के लोेगों को इस अपराधी के पकड़े जाने पर आज का दिन बेहद सुखद रहा है. हर दिन जिस अपराधी और उसके आदमी के खौफ के साये में गांव के लोग जीते थे,जब तक वह जेल में रहेगा, तब तक ये किसान चैन की नींद सोयेंगे. इस अपराधी का गांव के लोगों में इतना खाैफ था जिस रास्ते से वह जाता उस रास्ते पर कोई नहीं जाता,अगर रास्ते में दिखाई भी पड़ गया तो उसकी खैर नहीं.
किसानों को आस, अब मिलेगी जमीन
कुख्यात अपराधी टैरा और रोहित के पकड़े जाने के बाद अब सबौर से लेकर कहलगांव के दियारा इलाके में किसानों की हजारों एकड़ जमीन के मिलने की आस जग गयी है. इस आस को पुलिस उम्मीद के रूप में उसे पूरा करेगी. एक से दो दिन में पुलिस टैरा के संपत्ति को जमीन के बारे में पता लगाना शुरू कर देगी. सबौर थाना प्रभारी नीरज तिवारी ने बताया कि किसानों की जमीन टैरा ने कब्जा कर ली थी. अब जो किसान अपनी जमीन के बारे में आकर आवेदन देंगे और जमीन के कागजात दिखाने के बाद सीओ द्वारा उस जमीन की नापी करवा कर उसे किसानों को उपलब्ध करा दिया जायेगा. इस इलाके के कोल-ढाब पर टैरा का कब्जा रहता था. इसी से उसे लाखों रुपये की आमदनी होती थी.

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