एन-वन श्रेणी का स्टेशन एक एंबुलेंस तक नहीं

भागलपुर जंकशन : ऑटो को ढूंढ़ने और तैयार करने में होती देरी, अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ देते मरीज भागलपुर : मालदा रेल डिवीजन का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला भागलपुर रेलवे है. यहां से रोजाना केवल टिकट से लगभग 30 लाख रुपये का राजस्व मिलता है. स्टेशन को ए-वन का दर्जा भी मिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2016 6:07 AM

भागलपुर जंकशन : ऑटो को ढूंढ़ने और तैयार करने में होती देरी, अस्पताल पहुंचने से पहले दम तोड़ देते मरीज

भागलपुर : मालदा रेल डिवीजन का सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला भागलपुर रेलवे है. यहां से रोजाना केवल टिकट से लगभग 30 लाख रुपये का राजस्व मिलता है. स्टेशन को ए-वन का दर्जा भी मिला हुआ है.
मगर यात्रियों की सुविधा को लेकर जब बात उठती है, तो रेलवे को पैसा नहीं जुटता है. इस वजह से आज तक भागलपुर रेलवे के अस्पताल को एक एंबुलेंस तक नहीं मिला है. अगर कोई यात्री दुर्घटना का शिकार होता है, तो ऑटो ढूंढ़ने और चालक को तैयार करने में देरी होती है. इस वजह से मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देता है. यह घटना नयी नहीं है. हर माह कोई न कोई दुर्घटना का शिकार होता है और एंबुलेंस के अभाव में उसकी या तो रास्ते में मौत हो जाती है या फिर अपंगता का शिकार होना पड़ता है.
डिवीजन अस्पताल का निजी अस्पताल से करार, तो यहां क्यों नहीं ? :
जोनल और डिवीजन स्तर के अस्पताल का निजी अस्पताल के साथ करार रहता है, जो नि: शुल्क एंबुलेंस उपलब्ध कराती है. जमालपुर में रेल यात्रियों को एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है. मगर, भागलपुर का रेलवे अस्पताल उदासीन है. अगर यहां भी एक एंबुलेंस मिल जाये या फिर निजी अस्पताल से करार हो, तो रेलवे अस्पताल से रेफर होने पर उन्हें एंबुलेंस के लिए भटकना नहीं होगा. जिस अस्पताल में उन्हें रेफर किया जायेगा, वही एंबुलेंस सेवा उन्हें मुहैया करायेगा. मालूम हो कि रेलवे कर्मचारी और उनके आश्रितों को स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के लिए महकमे ने कई निजी अस्पतालों से करार किया है. इसके साथ ही कई अतिथि चिकित्सक भी रेलवे अस्पताल में सेवा देते हैं.
अगले माह से मिलेगी एंबुलेंस की सुविधा : इस्टर्न रेलवे रेल यात्री संघ अगले माह से एक एंबुलेंस, चार से पांच व्हील चेयर एवं एक इ-रिक्शा की सुविधा उपलब्ध करायेगी. यह जानकारी संघ के अध्यक्ष विष्णु खेतान ने दी. उन्होंने बताया कि तत्कालीन डीआरएम राजेश अर्गल से अनुमति मांगी गयी थी, जिस पर अब सहमति मिल गयी. रेलवे से अनुमति पत्र मिल गया है. पोर्टिको में कैंप बनाया जायेगा, जिसमें कार्यालय होगा. सहायता के लिए एक कर्मी रहेंगे. कैंप के लिए नक्शा तैयार है.
केस स्टडी
साहेबगंज क्रॉसिंग के पास बौंसी थाना क्षेत्र के झपनियां निवासी युवक ट्रेन की चपेट में आ गया था. समुचित इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल रेफर किया गया. मगर समय से भागलपुर नहीं पहुंचने के कारण उन्हें अपना बायां पैर गंवाना पड़ा.

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