क्यों नहीं मिले सीनेट में महिलाओं को आरक्षण

भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक इकाई सीनेट का चुनाव कराने जा रहा है. नवंबर में चुनाव होना है. विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव की तैयारी शुरू कर चुका है. चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक कर रहे हैं. लेकिन एक बार फिर इस चुनाव में जो महत्वपूर्ण मुद्दा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2016 7:42 AM
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक इकाई सीनेट का चुनाव कराने जा रहा है. नवंबर में चुनाव होना है. विश्वविद्यालय प्रशासन चुनाव की तैयारी शुरू कर चुका है. चुनावी मैदान में कूदने की तैयारी अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक कर रहे हैं. लेकिन एक बार फिर इस चुनाव में जो महत्वपूर्ण मुद्दा पीछे छूट रहा है, वह है महिलाओं का आरक्षण.

इसे लेकर कॉलेजों की महिला शिक्षकों में चर्चा शुरू हो चुकी है. उनका कहना है कि बिहार सरकार ने पंचायत चुनाव में महिलाओं को आरक्षण दिया है. दूसरी ओर जिस उच्च शिक्षण संस्थानों में महिला सशक्तीकरण की सबसे अधिक बातें की जाती हैं, वहां की सबसे बड़ी इकाई महिला आरक्षण से अछूती है. फिर महिलाओं का सशक्तीकरण कैसे हो.
सेमिनार में भी चर्चा, पर नियम बनाने पर जोर नहीं : विश्वविद्यालय में होनेवाले सेमिनारों में महिला सशक्तीकरण विषय पर भी आयोजित किये जाते हैं. आजादी पूर्व और आजादी के बाद अब तक महिलाओं की स्थिति पर जोरदार बयान वक्ताओं के संबोधन में सुनने को मिलता है. लेकिन इस बात पर चर्चा होते नहीं सुना जाता कि सीनेट चुनाव में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए नियम बने.

Next Article

Exit mobile version