आपदा विभाग में अटके हैं कई प्रस्ताव

मृतक अनुदान का मामला कागजी जंग के बीच आश्रित लगाते रहते हैं विभागों के बीच दौड़ अंचल से भेजे मृतक अनुदान के प्रस्ताव पर स्वीकृति का इंतजार भागलपुर : मृतक अनुदान के लंबित भुगतान को लेकर अंचल व आपदा विभाग के बीच कागजी जंग भी जिम्मेवार है. सालों-साल मृतक अनुदान को लेकर आश्रित व उसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2016 6:45 AM

मृतक अनुदान का मामला

कागजी जंग के बीच आश्रित लगाते रहते हैं विभागों के बीच दौड़
अंचल से भेजे मृतक अनुदान के प्रस्ताव पर स्वीकृति का इंतजार
भागलपुर : मृतक अनुदान के लंबित भुगतान को लेकर अंचल व आपदा विभाग के बीच कागजी जंग भी जिम्मेवार है. सालों-साल मृतक अनुदान को लेकर आश्रित व उसके परिजन विभागों में दौड़ लगाते रहते हैं और विभाग कागज के पूरे होने का इंतजार करता रहता है. कोई तय समय सीमा नहीं होने के कारण आपदा विभाग भी मामले में दिलचस्पी नहीं लेता है. हाल यह है कि सदर अनुमंडल सहित कई अन्य अनुमंडल के मृतक अनुदान केस की विभागीय स्वीकृति अब तक नहीं मिली है. बताते हैं कि जगदीशपुर अंचल के 19 प्रस्तावों सहित दूसरे अंचल की फाइल कई माह से अटकी है. नतीजतन आश्रितों का भुगतान नहीं हो सका.
वह तो बाढ़ आपदा से पीड़ित रजंदीपुर के फूलन देवी और पिंकी केस के बाद प्रशासन की नींद खुली और डीएम ने मौखिक आदेश देकर सभी अंचल के मृतक अनुदान के केस में भुगतान का आदेश दे दिया. याद रहे कि प्रभारी एडीएम(राजस्व) सह आपदा के वरीय प्रभारी अमरनाथ साहा ने सदर एसडीओ कुमार अनुज, जगदीशपुर अंचलाधिकारी निरंजन कुमार ठाकुर, बीडीओ चंद्रभूषण गुप्ता से शोकॉज किया था. इसमें जवाब नहीं देने पर निलंबन तक की चेतावनी दी गयी थी.
फूलन देवी और पिंकी के मामले के बाद आयी तेजी
रजंदीपुर के फूलन देवी और पिंकी का मामले सीएम दरबार तक चला गया. डीएम ने मौखिक निर्देश देकर सभी अंचल को प्रखंड विकास पदाधिकारी से राशि लेकर मृतक अनुदान के आश्रित को भुगतान करने का निर्देश दिया.
सदर अनुमंडल से भेजा गया अंचल जगदीशपुर का जवाब : सदर अनुमंडल से अंचल जगदीशपुर में मृतक अनुदान के आश्रित को मुआवजा में विलंब होने का जवाब भेजा गया. सूत्रों के अनुसार, अंचल ने विभागीय स्वीकृति नहीं मिलने के कारण आश्रित को भुगतान नहीं देने का उल्लेख किया. डीएम के मौखिक निर्देश पर प्रखंड विकास पदाधिकारी से राशि ली गयी और बगैर विभागीय स्वीकृति के भी तत्काल आश्रित को भुगतान कर दिया.

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