तो बंद हो जायेंगे जिले के 104 स्कूल
अपनी जमीन व भवन नहीं होने के कारण वर्षों से दूसरे नजदीकी स्कूलों में हैं संचालित कई स्कूल जिस स्कूल से टैग, वहां पढ़ाने व प्रशासनिक व्यवस्था में हो रही कठिनाई भागलपुर : भागलपुर जिले के 104 सरकारी स्कूल इतिहास में दर्ज हो जायेंगे. न उन स्कूलों के नाम रह जायेंगे और न कोई अस्तित्व. […]
अपनी जमीन व भवन नहीं होने के कारण वर्षों से दूसरे नजदीकी स्कूलों में हैं संचालित कई स्कूल
जिस स्कूल से टैग, वहां पढ़ाने व प्रशासनिक व्यवस्था में हो रही कठिनाई
भागलपुर : भागलपुर जिले के 104 सरकारी स्कूल इतिहास में दर्ज हो जायेंगे. न उन स्कूलों के नाम रह जायेंगे और न कोई अस्तित्व. ये ऐसे स्कूल हैं, जिनके लिए शिक्षा विभाग न तो जमीन तलाश कर पाया और न ही उन स्कूलों का अपना भवन बन पाया. फिलहाल इन स्कूलों को किसी न किसी नजदीकी स्कूलों से टैग कर संचालित किया जा रहा है. इस कारण पठन-पाठन और प्रशासनिक व्यवस्था संचालित करने में स्कूलों को भारी कठिनाई हो रही है.
इन स्कूलों को आबादी के नजदीक खोलने की शुरुआत की गयी थी. इसके बंद होने से 18611 बच्चों को स्कूल जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. बिहार शिक्षा परियोजना के पटना मुख्यालय ने ऐसे स्कूलों की विवरणी मांगी थी, जो दूसरे स्कूल से टैग होकर संचालित हैं. भागलपुर के परियोजना कार्यालय ने इसकी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है. फिलहाल इस पर अंतिम मुहर नहीं लगी है. लेकिन इंतजार हो रहा है, जब यह आदेश आयेगा कि सभी 104 स्कूलों को उन्हीं स्कूलों में समायोजित कर दिया जाये, जहां वे टैग हैं.
बाढ़ ने बदला था ठिकाना : मध्य विद्यालय बुद्धूचक (गोपालपुर) वर्ष 2007 में गंगा में विलीन हो गया था. इसे प्राथमिक विद्यालय वीरनगर में टैग कर संचालित किया जा रहा है. नगर निगम क्षेत्र में मध्य विद्यालय मुंदीचक में भी प्राथमिक विद्यालय मुंदीचक व कन्या मध्य विद्यालय मुंदीचक को संबद्ध कर एक साथ चलाये जा रहे हैं. यह स्थिति पिछले कई वर्षों से है.
18 हजार बच्चों का स्कूल हो जायेगा अपने घर से दूर
दूसरे स्कूल में टैग होकर संचालित स्कूल
गोपालपुर 05
खरीक07
जगदीशपुर03
गोराडीह14
कहलगांव 04
सन्हौला06
सुलतानगंज08
नारायणपुर 03
नगर निगम 23
शाहकुंड 02
पीरपैंती02
सबौर 04
नाथनगर06
रंगराचौक 03
नवगछिया 09
बिहपुर 05