आसमान पर कोई क्या सीढ़ी लगायेगा

भागलपुर: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ, पद्मश्री पुरस्कार मिला. इस पर किसी ने उनसे पूछा कि निरालाजी को तो पुरस्कार नहीं मिला और आपको पद्मश्री तक मिल गया. दिनकरजी ने उन्हें विनम्रता पूर्वक जवाब दिया कि सीढ़ियां तो छत पर लगायी जाती है, आसमान में कोई क्या सीढ़ी लगायेगा. दिनकरजी का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2016 8:04 AM
भागलपुर: राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को साहित्य अकादमी पुरस्कार, ज्ञानपीठ, पद्मश्री पुरस्कार मिला. इस पर किसी ने उनसे पूछा कि निरालाजी को तो पुरस्कार नहीं मिला और आपको पद्मश्री तक मिल गया. दिनकरजी ने उन्हें विनम्रता पूर्वक जवाब दिया कि सीढ़ियां तो छत पर लगायी जाती है, आसमान में कोई क्या सीढ़ी लगायेगा.

दिनकरजी का काव्यपाठ भी अनूठा था. यह बातें शुक्रवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में आयोजित दिनकर की 108वीं जयंती पर विभाग से सेवानिवृत्त प्रो राजेंद्र पंजियारा ने कही. प्रो पंजियारा ने दिनकर को महान कवि बताया. उन्होंने कहा कि एक बार ‘परशुराम की प्रतीक्षा’ पुस्तक की कविता का वे पटना में पाठ कर रहे थे. इस पर इतनी तालियां बजने लगी कि श्रोता उनकी बातें सुन ही नहीं पा रहे थे.

अतिथियों ने समारोह से पूर्व दिनकर की प्रतिमा पर फूल माला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ उपेंद्र साह ने कहा कि अंग भूमि के पुत्र दिनकर सामाजिक समता के पक्षधर थे. उनके काव्य ग्रंथों खासकर रश्मिरथी और कुरुक्षेत्र में इसकी अभिव्यंजना हुई है. शोषण विहीन समाज के निर्माण में जनचेतना की कितनी आवश्यकता है, इसे उन्होंने समर शेष है कविता में चिह्नित किया है. प्रोक्टर डॉ विलक्षण रविदास ने दिनकर को राष्ट्र के पुनर्निर्माण का बेजोड़ कवि बताया. कहा कि दिनकर समतामूलक समाज के प्रबल पक्षधर रहे हैं. इससे पहले विभागाध्यक्ष प्रो विद्या रानी ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि दिनकरजी आजादी से पहले विद्रोही कवि थे और आजादी के बाद राष्ट्रकवि हुए. उनकी रचनाएं गांव के चौपालों तक सुनी जाती हैं. छात्र चंद्रनाथ झा व ओमप्रकाश ने अतिथियों के स्वागत में संस्कृत में गान प्रस्तुत किया. दिव्यांग छात्र देवानंद कुमार, छात्रा प्रेरणा ने अपनी कविताएं सुनायी. छात्र आनंद कुमार ने भी समारोह को संबोधित किया. काव्य आवृत्ति प्रेरणा, आनंद कुमार, प्रीतम कुमार, अस्मिता कुमारी, अजय कुमार, शिवानी, विश्वकर्मा, मेधा कश्यप, अनुराधा मधुयामिनी आदि ने प्रस्तुत की. मंच संचालन डॉ परशुराम राय व धन्यवाद ज्ञापन डॉ मधुसूदन झा ने प्रस्तुत किया. इस मौके पर डॉ श्रीभगवान सिंह भी मौजूद थे.
इधर दृष्टि विहार नेहरू युवा केंद्र के तत्वावधान में नाथनगर कृष्णापुरी पुरानी सराय में कवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती मनायी गयी. इस मौके पर रविंद्र नाथ टैगोर स्कूल के संस्थापक अनील कुमार तिवारी, नंदलाल मंडल, वीणा देवी, रीना कुमारी आदि उपस्थित थे.वहीं मंदरोजा स्थित प्रेमचंद्र छात्रावास में साहित्य सफर संस्था की ओर से राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की 108 वीं जयंती मनायी गयी. इस मौके पर डॉ अशोक यादव, जगतराम साह कर्णपुरी, शांति रमण , अजय शंकर प्रसाद, मृत्युंजय प्रसाद साह, आत्माराम बाजोरिया आदि उपस्थित थे.

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