बबलू व गिरजा को आजीवन कारावास

भागलपुर: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सुलतानगंज के दवा व्यवसायी चेतन राजहंस अपहरण कांड में शुक्रवार को दो आरोपित बबलू मंडल और गिरजा यादव को उम्रकैद की सजा सुनायी. इसके अलावा आरोपित पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया, जिसे नहीं देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा होगी. अपहरण कांड में कोर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2016 8:01 AM
भागलपुर: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने सुलतानगंज के दवा व्यवसायी चेतन राजहंस अपहरण कांड में शुक्रवार को दो आरोपित बबलू मंडल और गिरजा यादव को उम्रकैद की सजा सुनायी. इसके अलावा आरोपित पर 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया, जिसे नहीं देने पर दो वर्ष की अतिरिक्त सजा होगी. अपहरण कांड में कोर्ट से दीपक मंडल, डब्लू मंडल और अरविंद यादव आजीवन कारावास का आदेश पा चुके हैं.

इस मामले में सोमवार को चंदन मंडल को रिहा कर दिया गया था. मामले में बबलू मंडल और चंदन मंडल के केस में अपर लोक अभियोजक जयप्रकाश यादव व बचाव पक्ष से राजेश कुमार तिवारी और गिरजा यादव के केस में लोक अभियोजक सत्य नारायण प्रसाद साह व बचाव पक्ष से विनय कुमार पोद्दार ने जिरह में भाग लिया.

27 अक्तूबर 2012 को हुई थी घटना
27 अक्तूबर 2012 को रात 10 बजे सुल्तानगंज के दवा व्यवसायी 30 वर्षीय चेतन शंकर राजहंस का अपहरण कर लिया. अपहृत दवा व्यवसायी के भाई जीवन राजहंस ने बताया कि रात दस बजे तक जब चेतन घर नहीं लौटा तो खोजबीन शुरू की गयी. इसके बाद सुलतानगंज के बबलू मंडल, डब्ल्यू मंडल, चंदन मंडल, दीपक मंडल और गिरजा यादव पर अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी. इन्होंने कृष्णा गढ़ चौक के पास चेतन को जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया. परिजनों ने बताया कि 2008 में नाथनगर के दो गच्छी के पास चेतन के चचेरे भाई शराब व्यवसायी बबलू राजहंस की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. चेतन का अपहरण करनेवालों में कुछ लोग बबलू की हत्या के भी आरोपित हैं. उन्होंने आशंका जतायी कि हत्या मामले में आरोपित बनाये जाने के कारण ही इन लोगों ने चेतन का अपहरण किया है. इन तीन-चार दिनों से इन आरोपियों को घर के पास गली में घूमते देखा गया था. चेतन के पिता अरुण राजहंस ने बताया कि जब रात में उनका बेटा नहीं आया तो उन्होंने मोबाइल पर फोन किया. चेतन ने उन्हें बताया कि वह अपने मित्र बंटी के यहां बकरीद में आया है. तुरंत घर लौट जायेगा. कुछ देर बाद जब फिर फोन किया तो उसने रिसीव नहीं किया. चचेरा भाई ऋषु राजहंस ने बताया कि चेतन सीधा लड़का है. उसे केवल दुकान से ही मतलब रहता था. चेतन की पत्नी खुशबू देवी ने बताया कि रात में जब उसने पति से मोबाइल पर बात की तो वह सहमे हुए थे. पूछने पर बताया कि हम ठीक हैं, सुबह आयेंगे. जब पूछा कहां हैं तो फोन कट गया. चेतन के करीबी मित्र शशि ने बताया कि सुबह जब हमने चेतन को फोन किया तो उससे किसी ने मोबाइल लेकर बोला कि इसके पापा से बात कराओ. फिर बोला कि पापा का मोबाइल नंबर एसएमएस करो, इसके बाद मोबाइल स्विच ऑॅफ कर दिया गया. उसी दौरान पुलिस को यह सूचना मिली थी कि बदमाशों ने कमरगंज में चेतन को छिपा रखा था. तभी पुलिस वहां छापेमारी करने पहुंच गयी. बदमाशों से पुलिस की मुठभेड़ हो गयी. जान बचाते हुए बदमाश चेतन को वहीं छोड़ भाग निकले थे.
तीन आरोपित को मिली थी उम्रकैद
तत्कालीन तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने चेतन शंकर राजहंस अपहरण कांड में तीन आरोपित दीपक मंडल, डब्लू मंडल और अरविंद यादव को अपहरण कांड में आजीवन कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी थी. जुर्माना नहीं देने पर उन्हें तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी थी.

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