कहीं भी उतार देते पैसेंजर

परेशानी. विभागीय उदासीनता के कारण बस चालकों की मनमानी तिलकामांझी स्थित सरकारी बस स्टैंड खाली व जीरोमाइल के पास सड़क पर बने स्टैंड में लगे वाहन. सरकारी बस स्टैंड में प्राइवेट बस स्टैंड को एनओसी देने में पथ परिवहन निगम उदासीन है. इसका खामियाजा आम यात्रियों का भुगतना पड़ रहा है. यही स्थिति रही, तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2016 1:36 AM

परेशानी. विभागीय उदासीनता के कारण बस चालकों की मनमानी

तिलकामांझी स्थित सरकारी बस स्टैंड खाली व जीरोमाइल के पास सड़क पर बने स्टैंड में लगे वाहन.
सरकारी बस स्टैंड में प्राइवेट बस स्टैंड को एनओसी देने में पथ परिवहन निगम उदासीन है. इसका खामियाजा आम यात्रियों का भुगतना पड़ रहा है.
यही स्थिति रही, तो स्मार्ट सिटी का बस स्टैंड समय पर नहीं हो पायेगा तैयार
भागलपुर : भागलपुर से पूर्णिया, खगड़िया, सहरसा, कटिहार के यात्री प्राइवेट बस से किस तरह सफर करते हैं, इसे जीरोमाइल में किसी भी वक्त देखा जा सकता है. यहां अन्य जिलों से पहुंचनेवाली बसों से किस तरह मनमाने जगहों पर पैसेंजर उतार दिये जाते हैं, इसे भी यहां महसूस किया जा सकता है. इससे हजारों लोग हर दिन परेशान होते हैं. बावजूद इसके तिलकामांझी स्थित बरारी रोड पर सरकारी बस स्टैंड में प्राइवेट बस स्टैंड को एनओसी देने में पथ परिवहन निगम उदासीन है.
यह स्थिति तब है, जबकि पथ परिवहन निगम की यह जिम्मेवारी बनती है कि राज्य की जनता सुगमता से सड़क मार्ग से सफर कर सके. यही नहीं, प्राइवेट व सरकारी बस स्टैंड को उन्नत करने का निर्णय स्मार्ट सिटी परियोजना में शामिल है. जीरोमाइल चौक पर पहले से बस स्टैंड संचालित था. यहां विभिन्न जिलों से बसें यात्रियों को लेकर पहुंचती थी और यहां से विभिन्न जिलों के लिए बसें खुलती थीं. बाइपास के निर्माण को लेकर इस बस स्टैंड की जगह पर ओवर ब्रिज का निर्माण होने लगा.
ब्रिज के पिलर निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया और बस स्टैंड का अस्तित्व समाप्त हो गया, लेकिन समय रहते प्रशासन ने उन बसों को पड़ाव के लिए जगह नहीं दी. आज स्थिति यह है कि जीरोमाइल के समीप बस चालकों को जहां जी करता है, पैसेंजर उतार देते और चढ़ा लेते हैं.
कहां मिलेगी कौन सी बस, जगह तय नहीं : जीरोमाइल के समीप बस स्टैंड नहीं रहने से कहीं भी बस खड़ी कर देना बस चालकों की मजबूरी है. इसका दुष्प्रभाव यह है कि यात्री भटकते रहते हैं. यात्री लोगों से पूछते रहते हैं कि फलां जगह की बसें कहां मिलेगी. इसमें एक तो उनका समय बरबाद हो जाता है और दूसरी अक्सर उनकी बसें छूट जाती हैं.
सरकारी स्टैंड में है 10 एकड़ जमीन, बेहतर उपयोग नहीं : तिलकामांझी स्थित बरारी रोड पर सरकारी बस स्टैंड के पास तकरीबन 10 एकड़ जमीन है. पथ परिवहन निगम इस स्थल के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहा. एक-एक कर सरकारी बसें कबाड़ बनती जा रही हैं और उसे किनारे कर दिया जा रहा. नयी बसें आ नहीं रही. कुछ प्राइवेट बसों से करार कर चलाया जा रहा है. इस भूखंड का अधिकतर हिस्सा झाड़ियों व कबाड़ के सामान से भरा है
. कुल मिला कर बस स्टैंड के नाम पर पूरी जमीन का एक कोना उपयोग में आ रहा है. 20 की बैठक में मांगी गयी थी एनओसी : प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में 20 सितंबर को स्मार्ट सिटी परियोजना को लेकर बैठक हुई थी. इसमें सड़क परिवहन पर भी कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये. इसी में परिवहन सचिव सुजाता चतुर्वेदी को सरकारी बस स्टैंड में प्राइवेट बस स्टैंड खोलने के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) देने का पत्र भेज कर अनुरोध किया गया था. अब तक न तो एनओसी मिला है और न ही कोई जवाब आया है.
तिलकामांझी स्थित सरकारी बस स्टैंड के पास काफी जमीन है. उस पर प्राइवेट बस स्टैंड बनाने का निर्णय लिया गया है. इन दोनों स्टैंड को स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत विकसित करने का निर्णय गत 20 सितंबर की बैठक में लिया गया है, लेकिन अभी तक परिवहन विभाग से एनओसी नहीं मिली है. एनओसी मिलने के बाद आर्किटेक्ट से बस स्टैंड की डिजाइन तैयार कराने के बाद निर्माण कार्य शुरू करायेंगे.
अजय कुमार चौधरी, प्रमंडलीय आयुक्त, भागलपुर
गत 20 सितंबर को प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में हुई बैठक में यह निर्णय हुआ था कि हमारे बस स्टैंड में प्राइवेट बस स्टैंड खुलेगा. प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय से पथ परिवहन विभाग को एनओसी देने के लिए लिखा गया. एनओसी देने की बात हमलोगों के बस के बाहर की चीज है. यह परिवहन सचिव ही देंगी.
अशोक सिंह, प्रमंडलीय प्रबंधक, पथ परिवहन निगम
स्मार्ट सिटी में यह होगा बस स्टैंड का स्वरूप
कैंटीन होगा, जहां पर अल्पाहार प्राप्त कर सकेंगे
रूट वाइज काउंटर होंगे, जहां कटेगा टिकट
यात्रियों के लिए होगा समृद्ध प्रतीक्षालय
पेयजल व शौचालय की रहेगी व्यवस्था
बस कर्मचारी व चालक के लिए होगा भवन

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