शिक्षक की पिटाई ने मिटा दी तमाम यादें

दुखद. अब भी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है सात साल की खुशी भागलपुर : गुरु की बेरहमी ने सात साल की मासूम जिंदगी को नरक बना दिया है. 16 दिन के बाद खुशी को होश आया, लेकिन उसकी बीती जिंदगी की यादें कहीं गुम हो गयी है. वह अपनों को पहचानने से भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2016 1:37 AM

दुखद. अब भी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है सात साल की खुशी

भागलपुर : गुरु की बेरहमी ने सात साल की मासूम जिंदगी को नरक बना दिया है. 16 दिन के बाद खुशी को होश आया, लेकिन उसकी बीती जिंदगी की यादें कहीं गुम हो गयी है. वह अपनों को पहचानने से भी इनकार करने वाली खुशी के दिलोदिमाग पर अभी भी उसे मारे-पीटे जाने की घटना हावी है. आलम यह है कि वह अचानक चौक जाती है और चिल्लाने लगती है
कि ‘मत मारिये, अब सारा काम करूंगी. मुझे छोड़ दीजीये आपकी हर बात मानूंगी.’ 16 सितंबर की सुबह में सुर्खीकल स्थित हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही खरीक प्रखंड के अलालपुर के विकास कुमार विक्की की सात साल की बेटी खुशी को हॉस्टल संचालक ने बुरी तरह मारपीट कर कोमा में पहुंचा दिया था.
मायागंज हॉस्पिटल से लेकर सिलीगुड़ी स्थित डॉ चैन के हॉस्पिटल तक के इलाज में विक्की का करीब पौने दो लाख रुपये खर्च हो गये. अंततोगत्वा पीएमसीएच में खुशी को भरती कराया गया. चिकित्सकों के मुताबिक, खुशी को होश तो आ गया है, लेकिन उसे पूरी तरह से स्वस्थ होने में वक्त लगेगा. उसका एक पैर अभी भी काम नहीं कर रहा है और एक आंख खुल भी नहीं रही हैं. खुशी के पिता के मुताबिक, खुशी इस कदर बेजार हो चुकी है, वह मल-मूत्र भी कपड़ों में कर दे रही है.
यादाश्त खाेने के बावजूद खुशी के दिलोदिमाग पर ताजी है मारे-पीटे जाने की घटना
तेजी से रिकवर कर रही लक्ष्मी छह यूनिट चढ़ चुका है खून
मुंह पर मांस वृद्धि की बीमारी से जूझ रही नवगछिया प्रखंड के कदवा गांव की लक्ष्मी मंडल (15) तेेजी से रिकवर कर रही है. अब तक उसे छह यूनिट खून चढ़ाया जा चुका है. अभी दो यूनिट खून चढ़ाया जायेगा,
फिर उसका हीमोग्लोबिन जांचा जायेगा. अगर सब कुछ चिकित्सकों की तय प्लानिंग के तहत हुआ तो लक्ष्मी के मुंह पर बढ़े मांस को आपरेशन के जरिये हटा दिया जायेगा. लक्ष्मी को जेएलएनएमसीएच के सर्जरी विभाग के आइसीयू में भरती कराया गया है. सर्जरी विभाग के हेड डॉ उपेंद्र नाथ स्वयं लक्ष्मी की इस बीमारी पर नजर रखे हैं.

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