अफसर बेखौफ कर सकेंगे कार्रवाई
भागलपुर : नया शराबबंदी कानून में उत्पाद विभाग के अफसरों के अलावा छापेमारी के लिए जानेवाले अफसर बेखौफ होकर अपनी कार्रवाई को अंजाम दे सकेंगे. इन अफसरों के काम के खिलाफ सिविल कोर्ट में केस नहीं हो सकेगा. शराब के कारोबार में लिप्त आरोपित को जल्द सजा दिलाने की राह में भी चार्जशीट करने का […]
भागलपुर : नया शराबबंदी कानून में उत्पाद विभाग के अफसरों के अलावा छापेमारी के लिए जानेवाले अफसर बेखौफ होकर अपनी कार्रवाई को अंजाम दे सकेंगे. इन अफसरों के काम के खिलाफ सिविल कोर्ट में केस नहीं हो सकेगा. शराब के कारोबार में लिप्त आरोपित को जल्द सजा दिलाने की राह में भी चार्जशीट करने का समय घटा दिया गया. अब कार्रवाई के बाद चार्जशीट 60 दिनों के भीतर कर देना होगा, जो पहले 90 दिनों की अवधि का था.
प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक, किसी उत्पाद पदाधिकारी के कार्य के दौरान किसी भी प्रकार की क्षति के लिए उसके खिलाफ सिविल न्यायालय में कोई वाद दायर नहीं हो सकेगा. यहां तक की कोई मजिस्ट्रेट अधिनियम के तहत किसी उत्पाद पदाधिकारी के खिलाफ लगाये गये किसी आरोप अथवा इस अधिनियम के अधीन किसी अन्य व्यक्तियों के खिलाफ लगाये गये किसी आरोप पर संज्ञान नहीं लेगा.