भागलपुर: परबत्ती स्थित बुढ़िया काली मंदिर से 45 किलो 500 ग्राम वजन का घंटा चोरी कर भाग रहे दो चोरों को कोतवाली पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है. गिरफ्तार युवक प्रह्लाद ठाकुर (रामसर) व उत्तम कुमार सिंह (मुंदीचक) मठ-मंदिरों में चोरी करने वाले गिरोह के शातिर सदस्य हैं.
प्रह्लाद मूलत: रहमतपुर व उत्तम रसिकपुर (दोनों थाना असरगंज) का रहनेवाला है. पुलिस ने इनके पास से चोरी हुआ घंटा, एक हंक बाइक व पलाश बरामद किया है. दोनों की गिरफ्तारी से पूर्व में आधा दर्जन मठ-मंदिरों में हुई चोरी की वारदातों के उद्भेदन में पुलिस को सफलता मिल सकती है. गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही शाहकुंड थानाध्यक्ष अनिल पासवान कोतवाली पहुंचे और दोनों चोरों से पूछताछ की. एएसपी हरिकिशोर राय ने बताया कि जिले के मंदिरों में पूर्व में हुई चोरी की वारदातों के बारे में भी दोनों से पूछताछ की जा रही है.
बलिया मंडल ने दिया था नाप. गिरफ्तार दोनों युवकों ने बताया कि परबत्ती मुहल्ले के बलिया मंडल ने उन दोनों को नाप दिया था. बलिया के नाप के बाद दोनों चोर मंदिर में घुसे और घंटा चोरी कर भागा निकले. पुलिस बलिया मंडल की भी तलाश कर रही है.
कई चोरी व लूट के मामले में संलिप्तता
गिरफ्तार प्रह्लाद ठाकुर कई केस में जेल जा चुका है. काजवली चौक के पास मोबाइल लूट मामले में पुलिस ने उसे पकड़ा था. कोतवाली इंस्पेक्टर जगदानंद ठाकुर के मुताबिक बम कांड, बाइक चोरी, गृहभेदन के कई मामलों में पुलिस को दोनों की तलाश थी.
आधा दर्जन मठ-मंदिरों में हो चुकी हो चोरी
तीन माह के दौरान जिले के आधा दर्जन मठ-मंदिरों में चोरी की घटनाएं घट चुकी है. शाहकुंड के दो ठाकुरबाड़ी से चोर कीमती मूर्ति चुरा चुके हैं. बबरगंज के महमदाबाद ठाकुरबाड़ी से भी अष्टधातु की मूर्ति की चोरी हो गयी है. बरारी मधु चौक, बूढ़ानाथ मंदिर के दुर्गा स्थान, बरारी हाउसिंग कॉलोनी के दुर्गा मंदिर में चोरी की घटनाओं अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है और न ही चोरी हुआ सामान बरामद हो पाया है.
ऐसे हुई गिरफ्तारी
गुरुवार की रात दोनों युवक मंदिर से घंटा चोरी कर बाइक से भाग रहे थे. तभी सोनापट्टी नीम गाछ के पास कोतवाली के एएसआइ अतुल प्रसाद सिंह ने दोनों को रोका. घंटा को कपड़े में बांध कर रखा गया था. दोनों ने बताया कि वे लोग विसजर्न से लौट रहे हैं. लेकिन एएसआइ ने जब दोनों की तलाश ली तो भारी भरकम पीतल का घंटा देख पुलिस को सारी बात समझ में आ गयी. घंटा टूट जाने के कारण उसका उपयोग मंदिर में नहीं होता था. बताया जाता है कि 30 साल पूर्व मंदिर कमेटी ने उक्त घंटा को साढ़े बारह हजार रुपये में खरीदा गया था.