बीएड कॉलेज: छात्रों को सुविधा, एनसीटीइ का सर्कुलर जारी, दो अन्य कोर्स चलाने होंगे

भागलपुर: नये खुलनेवाले बीएड कॉलेजों को बीएड के अलावा शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े दो अन्य कोर्स भी चलाने होंगे. इस पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) ने सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के आधार पर व्यवस्था बनाने के लिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय विचार कर रहा है. एनसीटीइ का सर्कुलर लागू होने के बाद किसी भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2016 8:24 AM

भागलपुर: नये खुलनेवाले बीएड कॉलेजों को बीएड के अलावा शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े दो अन्य कोर्स भी चलाने होंगे. इस पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीइ) ने सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के आधार पर व्यवस्था बनाने के लिए तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय विचार कर रहा है.

एनसीटीइ का सर्कुलर लागू होने के बाद किसी भी नये बीएड कॉलेज को सिर्फ बीएड की पढ़ाई के लिए न तो विश्वविद्यालय संबद्धता प्रदान करेगा और न ही एनसीटीइ मान्यता देगा. मान्यता के लिए कॉलेज को बीएड के अलावा दो अन्य कोर्स चलाने का करार करना होगा.

बीएड के अलावा शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े दो और कोर्स की एनसीटीइ से मान्यता प्राप्त करनी होगी. इसके बाद ही संबंधन मिल पायेगा. अभी तक शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े बीएलएड, डीएलएड आदि कोर्स अलग-अलग संस्थान में चल रहे हैं, लेकिन अब यह संभव नहीं है. लिहाजा एक ही कॉलेज में एक से ज्यादा कोर्स रहे, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एनसीटीइ ने यह पहल की है.

इसे देखते हुए राज्य सरकार ने अध्यापक शिक्षा महाविद्यालय, घंटाघर में बीएड के साथ-साथ एमएड की पढ़ाई भी शुरू करने की व्यवस्था की है. यहां एमएड की पढ़ाई जल्द शुरू होने की संभावना है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में वर्ष 2014 तक बीएड कॉलेज को मान्यता मिली है. यहां कुल कॉलेज 15 हैं, जिसमें दो सरकारी संस्थान भी शामिल हैं. टीएमबीयू से वर्ष 2007 से निजी बीएड कॉलेज को मान्यता मिलनी शुरू हुई है.

यह कोर्स शुरू कर सकते हैं कॉलेज प्रबंधन

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के डीन डॉ राकेश कुमार ने बताया कि एनसीटीइ के निर्देश के मुताबिक बीएड के साथ-साथ कई कोर्स हैं, जिसमें दो कोर्स का चयन कर चलाया जा सकता है. इनमें चार वर्षीय बीए बीएड व बीएससी बीएड, तीन वर्षीय एमए एमएड व एमएससी एमएड, बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन और डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन शामिल हैं. उन्होंने बताया कि इसके लागू होने से छात्रों को काफी सुविधा हो जायेगी.

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