भागलपुर के दो वैज्ञानिक लिखेंगे कैंब्रिज की किताब

!!संजीव!! भागलपुर : बिहार के लिए यह गुमान की बात है कि यहां के दो वैज्ञानिक कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए नैनो टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम की किताब लिखेंगे. दोनों वैज्ञानिकों को नीदरलैंड के एल्सेवियर और जर्मनी के स्प्रिंगर पब्लिशिंग हाउस ने भी नैनो टेक्नोलॉजी विषय पर किताब लिखने का न्योता भेजा है. पुस्तक लिखना बड़ी बात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2016 2:32 AM

!!संजीव!!

भागलपुर : बिहार के लिए यह गुमान की बात है कि यहां के दो वैज्ञानिक कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के लिए नैनो टेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम की किताब लिखेंगे. दोनों वैज्ञानिकों को नीदरलैंड के एल्सेवियर और जर्मनी के स्प्रिंगर पब्लिशिंग हाउस ने भी नैनो टेक्नोलॉजी विषय पर किताब लिखने का न्योता भेजा है. पुस्तक लिखना बड़ी बात नहीं है, बल्कि बिहार जैसे सीमित सुविधा वाले प्रांत से किसी का चुना जाना अवश्य ही गौरव की बात है. ये दोनों नाम हैं डॉ कमल प्रसाद और डॉ अनल कांत झा.
विश्व में लहरा रहे टीएमबीयू का परचम : प्रगतिशील विश्व में विज्ञान कभी भूगोल का मोहताज नहीं होता, इस कथन को इन्होंने सच साबित कर दिया है. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना में डॉ प्रसाद व डॉ झा कार्यरत हैं और नैनो टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान रखते हैं.वे आर्यभट्ट के नैनोवज्ञिान व प्रद्योगिकी केंद्र में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. इनके उच्चस्तरीय शोध की गुणवत्ता को देखते हुए विश्व के तीन उच्चस्थ प्रकाशकों ने उन्हें पुस्तक लिखने का आमंत्रण भेजा है. दोनों वैज्ञानिक भागलपुर के रहनेवाले हैं. अंग प्रदेश के ये दो सपूत आज भागलपुर विश्वविद्यालय का परचम पूरे विश्व में लहरा रहे हैं, क्योंकि दोनों यहीं से संबद्ध हैं और फिलहाल अवकाश पर हैं.
दोनों वैज्ञानिकों की खास बातें
डॉ प्रसाद के कुल 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन व बुक चैप्टर्स हैं, जबकि डॉ झा के 60 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन व बुक चैप्टर्स हैं. इसके अलावा इनके एक्स-रे स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट, अमेरिका में भी 14 से ज्यादा प्रकाशन दर्ज हैं. डॉ अनल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं. इन दोनों वैज्ञानिकों ने कई नैनो मेटेरियल से जुड़े प्रोसेसेज व प्रोडक्ट्स भी डेवलप किये हैं, जिनके पेटेंटिंग का इंतजार है.

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