विक्रमशिला के विकास की जगी उम्मीद
कहलगांव : विक्रमशिला के विकास को लेकर काफी जद्दोजहद के बावजूद क्षेत्रवासियों को लगातार निराशा हाथ लग रही थी. ऐसे में राष्ट्रपति के आगमन की सूचना और उसके लिए तैयारी क्षेत्रवासियों के लिए उम्मीद बनकर सामने आयी. स्थानीय लोगों को नालंदा की तरह विक्रमशिला के विकास होने की आस जग रही है. वर्षों से विक्रमशिला […]
कहलगांव : विक्रमशिला के विकास को लेकर काफी जद्दोजहद के बावजूद क्षेत्रवासियों को लगातार निराशा हाथ लग रही थी. ऐसे में राष्ट्रपति के आगमन की सूचना और उसके लिए तैयारी क्षेत्रवासियों के लिए उम्मीद बनकर सामने आयी. स्थानीय लोगों को नालंदा की तरह विक्रमशिला के विकास होने की आस जग रही है.
वर्षों से विक्रमशिला के विकास के लिए संघर्ष कर रही विक्रमशिला नागरिक समिति के संयोजक डॉ निरंजन कुमार जायसवाल चाहते हैं कि राष्ट्रपति के आगमन के पूर्व ही राज्य सरकार प्रस्तावित विक्रमशिला केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का निर्णय कैबिनेट में ले लें और उनसे ही इसका शिलान्यास कराया जाये. महामहिम के आगमन को लेकर कोई राजनीति न की जाये.
कहलगांव अनुमंडल चेंबर ऑफ काॅमर्स के अध्यक्ष ब्रजेश कुमार साह राष्ट्रपति के आगमन को सौभाग्य मानते हुए कहते हैं कि राष्ट्रपति किसी भी विश्वविद्यालय के सर्वोच्च अधिकारी हैं. उनके आगमन से विक्रमशिला अपने पूर्व के वास्तविक स्वरूप में आयेगा, ऐसी उम्मीद है. कहलगांव के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ संजय कुमार सिंह मानते हैं कि राष्ट्रपति के आगमन से वर्षों से उपेक्षित विक्रमशिला को एक नया आयाम मिलेगा. केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा.
इसका दूरगामी प्रभाव आने वाली पीढ़ी पर निश्चय पड़ेगा. विक्रमशिला नागरिक समिति के सचिव अभिमन्यु चौधरी कहते हैं कि उनके आगमन से क्षेत्र का जरूर विकास होगा. हो सकता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास उनके सम्मान में हो जाये.
विक्रमशिला के खुदाई से लेकर उसके विकास के लिए किये जाने वाले सारे कार्यक्रमों में बढ़ कर भाग लेने वाले बुजुर्ग डॉ कुलदीप राम कहते हैं कि बिना शिक्षा कोई भी क्षेत्र विकसित नहीं हो सकता. राष्ट्रपति के आगमन विक्रमशिला के खोये स्वरूप में परिवर्तन आयेगा. इन्फ्रास्ट्रक्चर और बौद्धिक प्रगति होगी.