बैंकों में दूसरे दिन भी लटका ताला
भागलपुर: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के जिले भर की शाखाएं दूसरे दिन मंगलवार को भी पूर्णत: बंद रही और कामकाज ठप रहा. बैंक कर्मियों के हड़ताल के कारण बैंक बंद रहने से पैसों की नकद निकासी, जमा, चेक क्लीयरेंस समेत अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हुए. मंगलवार को भी 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का […]
भागलपुर: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के जिले भर की शाखाएं दूसरे दिन मंगलवार को भी पूर्णत: बंद रही और कामकाज ठप रहा. बैंक कर्मियों के हड़ताल के कारण बैंक बंद रहने से पैसों की नकद निकासी, जमा, चेक क्लीयरेंस समेत अन्य कई महत्वपूर्ण कार्य नहीं हुए.
मंगलवार को भी 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार पर असर पड़ा. यानी, दो दिनों की हड़ताल के कारण 400 करोड़ से ज्यादा का लेन-देन नहीं हो पाया. यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफओबीयू) के आह्वान पर बैंक अधिकारी व कर्मचारी हड़ताल पर थे. यूएफओबीयू के संयोजक अरविंद कुमार रामा ने बताया कि जिले
के पांच यूनियन ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन, बैंक इंप्लाइज फेडरेशन इंडियन व नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के हजारों अधिकारी व कर्मचारी की ओर से बंद को समर्थन मिला.
सफल रहा हड़ताल : उन्होंने बताया कि जिले में सरकारी व निजी बैंकों की 187 शाखाओं के बैंक अधिकारी व कर्मचारी का सहयोग मिलने से ही हड़ताल सफल रहा. 10 वां वेतन समझौता यथाशीघ्र लागू करने, बैंकिंग सुधार बिल वापस लेने व अनुकंपा के आधार पर मृतक कर्मचारियों के परिवार को नौकरी देने की मांग के विरुद्ध पूर्व में भी एक दिन का सांकेतिक हड़ताल किया गया था. इससे बैंक प्रबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ा. जब यूएफओबीयू की ओर से हड़ताल का निर्णय लिया गया, तो इस निर्णय के आलोक में 27 जनवरी को समझौता के लिए बुलाया गया था. आइबीए के नकारात्मक प्रस्ताव के कारण वार्ता असफल हो गयी. इसके बाद जब पुन: हड़ताल का निर्णय लिया गया, तो मुख्य श्रमायुक्त की ओर से समझौता के लिए बुलाया गया. दुर्भाग्य है कि यहां भी वार्ता विफल रही और मजबूरन हड़ताल करना पड़ा.