कहीं आंखों की रोशनी न चुरा लें मोबाइल का शौक

भागलपुर : अगर आप रोजाना तीन से चार घंटे लगातार कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपका शाैक आपकी आंखों की रोशनी को सदा के लिए छिन सकता है. लगातार कंप्यूटर, लैपटॉप व स्मार्टफोन पर काम करने के कारण आपकी आंखों का लुब्रिकेंट हमेशा के लिए सूख सकता है और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 13, 2016 4:07 AM

भागलपुर : अगर आप रोजाना तीन से चार घंटे लगातार कंप्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो यह आपका शाैक आपकी आंखों की रोशनी को सदा के लिए छिन सकता है. लगातार कंप्यूटर, लैपटॉप व स्मार्टफोन पर काम करने के कारण आपकी आंखों का लुब्रिकेंट हमेशा के लिए सूख सकता है और

आप कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं और अपनी आंखों की रोशनी गवां सकते हैं. पटना से आये प्रसिद्ध नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कुमार सिंह का कहना है कि कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की बीमारी होने पर मरीज द्वारा पलकों को झपकाना काफी कम हो जाता है. जो आंखों के लिए काफी खतरनाक है.

सामान्यत: पलके एक मिनट में 15 बार झपकती हैं, लेकिन कंप्यूटर विजन सिंड्रोम से पीडि़त व्यक्ति की पलके एक मिनट में 4-5 बार ही झपक पाती हैं. इससे आंखों में जलन और भारीपन हो जाता है. आंखों का पानी (लुब्रिकेंट) कम होने से आंखें सूखी-सूखी महसूस होती हैं और थकान से दर्द करने लगता हैं. इसके अलावा सिर, गरदन और कंधों में भी दर्द होने लगता है.

यह रखे सावधानी
कंप्यूटर, स्मार्टफोन या लैपटॉप पर काम करते समय हर 20-25 मिनट में स्क्रीन से नजरें हटा कर 6-7 मीटर दूर की चीजों को देखें.
30 मिनट काम करने के बाद 30 सेकेंड के लिए आंखों को बंद कर आराम दें. आंखों को ज्यादा थकान महसूस हो तो पानी से आंखें धोएं.
बचाव के उपाय
अपने कंप्यूटर की स्क्रीन को 20 से 26 इंच की दूरी पर रखें.
कंप्यूटर के मॉनीटर को अपनी आंखों के लैवल के समानांतर अथवा चार-पांच इंच नीचे रखें.
कंप्यूटर की स्क्रीन को 10 से 20 डिग्री के कोण पर रखें.
स्क्रीन पर दिखने वाले अक्षरों को सामान्य तौर पर पढ़े जाने वाले अक्षरों के साइज से तीन गुना ज्यादा रखें.
कंप्यूटर-लैपटॉप के स्क्रीन का शार्पनेस, ब्राइटनेस व कंट्रास्ट सही रखें.

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