सुबह 10 से एक बंद रहेंगे निजी क्लिनिक

विरोध.आज चिकित्सक करेंगे सत्याग्रह भागलपुर के आइएमए मेंबर व अन्य चिकित्सकीय संगठन से जुड़े चिकित्सक बुधवार को दिन में 10 बजे से आइएमए भागलपुर ब्रांच कार्यालय से लेकर डीएम कार्यालय तक रैली निकालेंगे. भागलपुर : केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न कानूनों के जरिये आधुनिक चिकित्सा शिक्षा, पद्धति एवं चिकित्सकों के अवमूल्यन एवं सम्मान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2016 4:52 AM

विरोध.आज चिकित्सक करेंगे सत्याग्रह

भागलपुर के आइएमए मेंबर व अन्य चिकित्सकीय संगठन से जुड़े चिकित्सक बुधवार को दिन में 10 बजे से आइएमए भागलपुर ब्रांच कार्यालय से लेकर डीएम कार्यालय तक रैली निकालेंगे.
भागलपुर : केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न कानूनों के जरिये आधुनिक चिकित्सा शिक्षा, पद्धति एवं चिकित्सकों के अवमूल्यन एवं सम्मान के उपर किये हमला किया जा रहा है. आइएमए ने यह मुद्दा उठाते हुए इसके विरोध में बुधवार को सत्याग्रह की घोषणा की है. आइएमए भागलपुर के अध्यक्ष डॉ हेमशंकर शर्मा ने कहा कि इस सत्याग्रह के तहत भागलपुर के आइएमए मेंबर व अन्य चिकित्सकीय संगठन से जुड़े चिकित्सक बुधवार को पूर्वाह्न 10 बजे से आइएमए भागलपुर ब्रांच कार्यालय से लेकर डीएम कार्यालय तक रैली निकालेंगे और धरने के जरिये पीएम को संबोधित ज्ञापन डीएम को देंगे. इस दौरान सभी चिकित्सक अपने चिकित्सकीय सेवाओं से विमुख रहेंगे.
उन्होंने कहा कि आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर हो रहे इन हमलों की शुरुआत यूपीए सरकार ने की थी. मोदी सरकार से अपेक्षा थी कि यह सरकार हमारे विरुद्ध हाे रही इन गलत कार्रवाई को रोकेगी. लेकिन हमारी मांगों पर कोई ठोस निर्णय न लेने के बजाय केंद्र सरकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया को समाप्त कर असंवैधानिक, जन एवं चिकित्सक विरोधी कमीशन नेशनल मेडिकल कमीशन लागू करने जा रही है. इस सत्याग्रह के जरिये चिकित्सा से जुड़े सभी संगठनों के चिकित्सक पुरजोर विरोध करने जा रहे हैं. डॉ शर्मा ने केंद्र द्वारा गठित क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट जिसे बिहार सरकार ने स्वीकार कर लिया है, को नामंजूर अथवा संशोधित कर 2007 में बिहार द्वारा गठित एक्ट को लागू करने की मांग की. फाग्सी भागलपुर चैप्टर की सचिव डॉ सीमा सिंह ने कहा कि बुधवार को आहूत हड़ताल में संगठन शामिल होगा. उन्होंने कहा कि फाग्सी कन्या भ्रूण हत्या एवं लिंग परीक्षण के खिलाफ है. यहां तक देश भर के चिकित्सक बेटियों को गोद ले रहे हैं. ऐसी स्थिति में पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत लिपिकीय त्रुटि के लिए चिकित्सकों को दंडित करने अथवा जेल भेजा जाना गलत है. इस एक्ट में भी संशोधन किया जाना चाहिए.
धरना-प्रदर्शन व रैली के कारण सुबह 10 से एक बजे तक बंद रहेगी निजी डिस्पेंसरी, नर्सिंग होम में सेवाए रहेंगी बाधित
कई एक्ट में चिकित्सक संगठन कर रहे संशोधन की मांग, कई एक्ट का विरोध भी

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