दूसरे के बदले दे रहा था परीक्षा,पकड़ा गया
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पीजी सेमेस्टर फोर की परीक्षा चल रही है. शुक्रवार को पीजी इतिहास विभाग में पॉलिटिकल साइंस के 15वें पेपर की परीक्षा थी. इसमें अपने साथी के बदले दूसरे छात्र परीक्षा में शामिल हो गया. परीक्षा के दौरान ही इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ केके मंडल ने छात्र को पकड़ लिया […]
भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में पीजी सेमेस्टर फोर की परीक्षा चल रही है. शुक्रवार को पीजी इतिहास विभाग में पॉलिटिकल साइंस के 15वें पेपर की परीक्षा थी. इसमें अपने साथी के बदले दूसरे छात्र परीक्षा में शामिल हो गया. परीक्षा के दौरान ही इतिहास विभाग के शिक्षक डॉ केके मंडल ने छात्र को पकड़ लिया और उसे विश्वविद्यालय थाना पुलिस के हवाले कर दिया. पॉलिटिकल साइंस की परीक्षा अपने निर्धारित समय में शुरू हो गयी थी. परीक्षार्थियों के बीच प्रश्नपत्र व उत्तरपुस्तिकाएं वितरित कर दी गयी थी. विभाग के शिक्षक डॉ केके मंडल ने बताया कि छात्रों की उपस्थिति चेक करते वक्त जितेंद्र कुमार की जगह पर बैठे छात्र की कॉपी से चिट निकल गया. उसको फटकार लगायी.
उससे परीक्षा के संदर्भ में पूछा जाने लगा, तो वह गड़बड़ाने लगा. फिर उसी कमरे में बैठे उसके सहपाठियों से पूछा गया, लेकिन सभी छात्रों ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया. इसके बाद उसका एडमिट कार्ड चेक किया गया. उस पर चिपकी फोटो के ऊपर एक और फोटो चिपकी मिली. इससे संदेह और गहरा हो गया. छात्र पर जब दबाव बनाया गया, तो उसने अपना नाम चंदन कुमार, पिता-दिनेश प्रसाद और साहू परबत्ता का रहनेवाला बताया. उसने यह बताया कि वह सबौर कॉलेज में बीए पार्ट थ्री में पढ़ता है. लेकिन बाद में सूचना आयी कि वह पीजी भूगोल के सेमेस्टर तीन का छात्र है. पकड़ाने के बाद विश्वविद्यालय थाने की पुलिस को सौंप दिया गया.
पैसे की खातिर परीक्षा में हुआ शामिल
विश्वविद्यालय में इस बात की चर्चा थी कि बदले में परीक्षा देने की जहमत कोई यूं ही नहीं उठा सकता. चंदन कुमार मुफ्त में परीक्षा देने नहीं आया होगा.
उसे जरूर मोटी रकम का लालच दिया गया होगा. चर्चा तो इस बात की भी है कि इस काम में गिरोह काम करता है, जो इस तरह के छात्रों को लालच देकर परीक्षा में बोरो के तौर पर बैठाने का काम करता है. पढ़ाई नहीं करनेवाले छात्रों को फंसाने के लिए अच्छे मार्क्स दिलाने का भी सपना दिखाया जाता है.