गाड़ी में था, चलने लगी गोली

भागलपुर : छोटू के रिश्तेदार और दोस्तों ने बताया कि वह बोलेरो गाड़ी से जा रहा था. तभी बुच्चा यादव ने अपने साथियों के साथ मिल कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. छोटू ने बचने की कोशिश की पर गोली उसे लग गयी. गोली चलने की सूचना मिलते ही छोटू के परिजन व अन्य लोग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 27, 2016 3:32 AM

भागलपुर : छोटू के रिश्तेदार और दोस्तों ने बताया कि वह बोलेरो गाड़ी से जा रहा था. तभी बुच्चा यादव ने अपने साथियों के साथ मिल कर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. छोटू ने बचने की कोशिश की पर गोली उसे लग गयी. गोली चलने की सूचना मिलते ही छोटू के परिजन व अन्य लोग वहां इकट्ठा हो गये. मायागंज लाये जाने के बाद छोटू को देखने डॉ एनके यादव भी पहुंचे. काफी संख्या में लोग मायागंज पहुंचे.

खून काफी बह चुका है, स्थिति गंभीर
छोटू को गोली लगने के बाद उसके शरीर से काफी खून बह चुका है. गोली उसके शरीर में ही फंसी हुई है. एक्सरे में साफ दिख रहा है कि उसके शरीर में गोली फंसी हुई है. डॉक्टर ने छोटू को खून चढ़ाते रहने की सलाह दी है. छोटू के घर वाले उसे इलाज के लिए बाहर ले जाने की भी बात कर रहे थे.
प्रदीप यादव के बेटा को गोली मारने का मामला
पुरुषोत्तम उर्फ छोटू बोलेरो से जा रहा था, सुलतानगंज बाजार में दिया घटना को अंजाम
निजी बस स्टैंड चलाने, बस व दुकान का कारोबार करता है छोटू व उसका भाई
पुरुषोत्तम का बयान दर्ज, सात नामजद
पुरुषोत्तम यादव ने मायागंज अस्पताल में पुलिस के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया. उसने कहा है कि वह बस स्टैंड से अपने घर जा रहा था. शनिवार शाम लगभग साढ़े छह बजे गोपाल गेट के पास जैसे ही पहुंचा कि कनबुच्चा यादव, बुद्धा यादव, विनीत यादव, छोटू यादव, राजा, सुमित यादव और लखन यादव सभी उसे जान से मारने की नियत से वहां मौजूद थे. कनबुच्चा ने उसपर गोली चलायी जो उसे दाहिने तरफ पंजरा में लगी है.
10 एकड़ जमीन पर है दबंगों की नजर
दबंगों का तांडव. गंगा-कोसी से निकली जमीन पर रह रहे हैं बेघर व विपन्न लोग
नवगछिया के गंगा कोसी दियारा में गंगा से जमीन निकलते ही रक्तपात शुरू हो जाता है. हालांकि पिछले एक दशक में इसमें कुछ कमी आयी है, लेकिन रंगरा थाना क्षेत्र के तिनटंंगा झल्लूदास टोला की घटना के बाद यह आशंका बढ़ गयी है कि कहीं नवगछिया फिर से पुराने राह पर तो नहीं लौट रहा? नदी के गर्भ से हर साल निकलने वाली जमीन का प्रशासनिक स्तर पर कोई रिकाॅर्ड नहीं होता है. लिहाजा जिसकी लाठी उसकी भैंस वाली कहावत चरितार्थ होती है. नवगछिया के खरीक के कोसी दियारा, हरियौ कोसी दियारा, नवगछिया कोसी दियारा में 1990 के दशक में हुए नरसंहार का मुख्य कारण यही था. 2005 में विनोवा नरसंहार का तात्कालिक कारण जो भी रहा हो लेकिन स्थायी कारण दियारा के सैकड़ों एकड़ उपजाऊ जमीन ही थी.

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