टीइटी के अंक पत्र में व्यापक फर्जीवाड़े का खुलासा

निगरानी की जांच में 47 शिक्षकों के खिलाफ लगे काले कारनामे के आरोप निगरानी के इंस्पेक्टर सह आइओ ने कोतवाली थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी भागलपुर : पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर भागलपुर में शिक्षक नियोजन को लेकर की जा रही जांच में निगरानी ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया. निगरानी ने 47 शिक्षकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2016 5:24 AM

निगरानी की जांच में 47 शिक्षकों के खिलाफ लगे काले कारनामे के आरोप

निगरानी के इंस्पेक्टर सह आइओ ने कोतवाली थाने में दर्ज करायी प्राथमिकी
भागलपुर : पटना उच्च न्यायालय के आदेश पर भागलपुर में शिक्षक नियोजन को लेकर की जा रही जांच में निगरानी ने मंगलवार को बड़ा खुलासा किया. निगरानी ने 47 शिक्षकों पर अंक पत्र में फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया है. इसे लेकर निगरानी के इंस्पेक्टर सह अनुसंधानकर्ता सुरेंद्र कुमार सरोज ने कोतवाली थाना में सभी 47 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के भागलपुर प्रक्षेत्र द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि यह मामला वर्ष 2011 में हुई बिहार एलिमेंट्री टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (बीइटीइटी) से जुड़ा है. इस परीक्षा में अभ्यर्थियों के अंक पत्र को निगरानी ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को सत्यापन के लिए भेजा था. निगरानी यह जानना चाह रही थी कि अभ्यर्थियों के अंक पत्र सही हैं या फर्जी. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने सभी 47 शिक्षकों के अंक पत्र की जांच करने के बाद निगरानी को रिपोर्ट भेज दी.
पिता का नाम तक बदल डाला
अंक पत्र में किसी ने 26 के बदले 93 अंक बना लिया है, तो किसी ने पिता का नाम और जाति तक बदल डाली. अधिकतर अंक पत्र में बीएसइबी ने अंकों के फेरबदल करने के कारण अंक पत्र को फर्जी करार दिया है, तो किसी का अंक पत्र जारी ही नहीं हुआ और उसने नौकरी पाने के लिए फर्जी अंक पत्र जमा कर दिया. रॉल नंबर और सीरियल नंबर नॉट इस्यूड अंकित होने के बावजूद अंक पत्र जारी हो गया है. कई अभ्यर्थी तो नॉट क्वालिफाइड है, लेकिन उनके अंक पत्र में क्वालिफाइड अंकित है.
रिजल्ट कार्ड में छेड़छाड़ : निगरानी ने दर्ज करायी प्राथमिकी में आशंका जतायी है कि ऐसा प्रतीत होता है कि सभी 47 शिक्षकों के द्वारा बीइटीइटी के रिजल्ट कार्ड में छेड़छाड़ की गयी है. इसी फर्जी अंक पत्र के आधार पर प्रारंभिक शिक्षकों की नौकरी प्राप्त कर ली गयी है. इस काम में अन्य अज्ञात लोगों की सहभागिता पर भी आशंका व्यक्त की गयी है.
इसलिए की जा रही है जांच :पटना उच्च न्यायालय ने जनहित याचिका संख्या 15459/14 पर आदेश पारित किया था. इसे लेकर राज्य भर में उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक, पुस्तकालय अध्यक्ष व प्राथमिक विद्यालय में वर्ष 2006 से अबतक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो द्वारा की जा रही है. इसमें निगरानी के भागलपुर प्रक्षेत्र के पुलिस निरीक्षक सुरेंद्र कुमार सरोज को जांच की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. प्राथमिकी दर्ज करने के दौरान निगरानी के मुकेश कुमार भी कोतवाली थाने में मौजूद थे.

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