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भागलपुर के जर्दालु और कतरनी का होगा जीआइ रजिस्ट्रेशन

बीएयू में कृषि विभाग, उत्पादक, पदाधिकारी व वैज्ञानिक की एक दिवसीय कार्यशाला सबौर : मुख्यमंत्री का सपना है कि बिहार के धरोहर को संजोया जाय व उसे खास पहचान मिले. भागलपुर का कतरनी चावल व जर्दालु आम देश में प्रसिद्ध है. इन दो उत्पादों का जीआइ होना चाहिए. उक्त बातें मंगलवार को आयोजित कतरनी एवं […]

बीएयू में कृषि विभाग, उत्पादक, पदाधिकारी व वैज्ञानिक की एक दिवसीय कार्यशाला

सबौर : मुख्यमंत्री का सपना है कि बिहार के धरोहर को संजोया जाय व उसे खास पहचान मिले. भागलपुर का कतरनी चावल व जर्दालु आम देश में प्रसिद्ध है. इन दो उत्पादों का जीआइ होना चाहिए. उक्त बातें मंगलवार को आयोजित कतरनी एवं जर्दालु आम के विकास के लिए एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आर के सोहाने ने कही. उन्होंने कहा कि उक्त मटेरियल उत्पादन करने वाले किसानों के हित को देखते हुए विश्वविद्यालय ने उक्त दोनों प्रोडक्ट का जीआइ (जोगरीफल इंडिकेशन) से रजिस्ट्रेशन करवाने की प्रयास कर रही है. लेकिन किसान संघ द्वारा ही यह संभव है. इसलिए संघ का निर्माण व उसका रजिस्ट्रेशन पहली प्राथमिकता है. 5 दिसंबर तक का ही हमें समय मिला है. इसलिए संघ का निर्माण तुरंत हमें करना है.
जिला कृषि पदाधिकारी अरविंद झा ने कहा कि कृषि विभाग, विश्वविद्यालय और उत्पादक किसान के समन्वय से ही हम कतरनी धान व जर्दालु आम का विकास कर सकते हैं. जगदीशपुर में धवार को कृषि विभाग व वैज्ञानिकों की टीम कतरनी की खेती देखने जायेगी. वहीं दो दिसंबर को जिलाधिकारी के जाने का प्रोग्राम है. किसानों द्वारा उत्पादित कतरनी का बीज संरक्षित करने की योजना बन रही है.
कार्यक्रम को विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ जेबी तोमर, डीन पीजीएस डॉ बीसी साहा, प्लांट ब्रिडींग के अध्यक्ष डॉ पीके सिंह, प्राचार्य डॉ आरपी शर्मा, डॉ फिजा अहमद, डॉ एस आर सिंह, विनोद कुमार आदि ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया.

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