आत्मदाह का प्रयास, बाबा गिरफ्तार

भागलपुर: आइजी की पूर्व कोठी स्थित अतिक्रमण हटाने के दौरान गुरुवार को जब पुलिस को एक घर में बनी गुफा में छिप कर ध्यान करते बाबा वरुण कुमार दास मिले, तो सनसनी फैल गयी. उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस भीड़ के सामने ही गुफा से निकल कर बाबा ने खुद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2014 9:56 AM

भागलपुर: आइजी की पूर्व कोठी स्थित अतिक्रमण हटाने के दौरान गुरुवार को जब पुलिस को एक घर में बनी गुफा में छिप कर ध्यान करते बाबा वरुण कुमार दास मिले, तो सनसनी फैल गयी. उन्हें देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी.

इस भीड़ के सामने ही गुफा से निकल कर बाबा ने खुद पर केरोसिन छिड़क कर आत्मदाह करने का प्रयास किया. हालांकि स्थानीय लोगों व पुलिस की पहल से उन्हें आत्मदाह करने से रोका गया और उन्हें पुलिस ने अपने हिरासत में ले लिया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार अतिक्रमण हटाने के दौरान जब बाबा का घर तोड़ा जा रहा था, तो उनकी पुत्री ने बताया कि पिता (बाबा) गुफा में हैं. यह सुन कर पुलिस अचंभित हो गयी. इससे पहले कि पुलिस को मामला समझ में आता, बाबा गुफा से बाहर निकले और अपने ऊपर केरोसिन छिड़क लिया और माचिस जलाने की कोशिश करने लगे. काफी मशक्कत के बाद उनको आत्मदाह करने से रोका गया.

पुलिस ने की गुफा की जांच, नहीं लगा कुछ हाथ
पुलिस ने बाबा को अपने हिरासत में लेकर थाने भेज दिया. इसके बाद गुफा की जांच करायी गयी. पहले बीएमपी के जवान निर्मल दास ने गुफा में प्रवेश किया, लेकिन उन्हें कुछ हाथ नहीं लगा. इसके बाद जिला पुलिस के जवान रंजीत रस्सी के सहारे गुफा में घुसे. बाहर निकलने के बाद उन्होंने जो बताया वह आश्चर्यचकित करनेवाला था. उन्होंने बताया कि गुफा के अंदर महर्षि मेंहीं की तसवीर, कटोरा, मोटर व कटर है.

20 फीट गहरी गुफा में कई सुरंग
पुलिस के अनुसार गुफा 20 फिट गहरी है. इसमें उतरने के लिए तीन बाय ढाई फिट चौड़ा और 20 फीट से ज्यादा गहरा रास्ता बना है. इसके अंदर एक कमरे लायक जगह है, जहां से तीन से अधिक रास्ता बना हुआ है. हालांकि गुफा के अंदर जो रास्ता बना है, इसमें जाने की हिम्मत पुलिस कर्मी नहीं जुटा सके और बाहर निकल आये. जानकारों की मानें तो बाबा प्रात: तीन से पांच, 10 से 12 एवं शाम पांच से सात बजे तक ध्यान एवं सुबह पांच से 10, अपराह्न् 2.30 बजे से शाम पांच एवं शाम सात बजे से रात आठ बजे तक सत्संग किया करते थे. हालांकि यह समय सारणी बाबा के दरवाजे पर भी लिखी मिली है. लोगों ने बताया कि बाबा का जुड़ाव महर्षि मेंहीं आश्रम कुप्पा घाट से है.

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