सेल्फी मौतों से लोगों को बचायेगा नया मोबाइल एप

भागलपुर : मार्च 2014 में सेल्फी मौत का पहला पुष्ट मामला सामने आया था. उसके बाद से अब तक 127 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा 76 भारतीय हैं. इसके बाद पाकिस्तान, अमेरिका व रूस का नंबर आता है. स्मार्टफोन से सेल्फी लेना अब संक्रामक बीमारी बनती जा रही है. सेल्फी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2016 6:09 AM

भागलपुर : मार्च 2014 में सेल्फी मौत का पहला पुष्ट मामला सामने आया था. उसके बाद से अब तक 127 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें सबसे ज्यादा 76 भारतीय हैं. इसके बाद पाकिस्तान, अमेरिका व रूस का नंबर आता है.

स्मार्टफोन से सेल्फी लेना अब संक्रामक बीमारी बनती जा रही है. सेल्फी के कारण काफी मौतें हो रही हैं. इससे बचाव के लिए अमेरिका और भारत के वैज्ञानिक एक सेल्फी एप तैयार करने में जुटे हैं, जो खतरनाक पोज देनेवालों को चेतावनी देगा कि इससे मौत हो सकती है या जीवन खतरे में पड़ सकता है.
पेंसिलवेनिया, अमेरिका के पिट्सबर्ग में कारनेगी मेलन यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर एनआरआइ भारतीय एचएन लांबा यह एप बना रहे हैं. वहीं, दिल्ली के इंद्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के प्रोफेसर पोन्नुरंगम कुमार गुरु भी कुछ इसी तरह एप तैयार करने में जुटे हैं. याद रहे कि सेल्फी लेने के चक्कर में अब तक सर्वाधिक मौतें भारत में ही हुई हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ ही रहा है.
बज जायेगी घंटी
एप बनाने में जुटे एनआरआइ एचएन लांबा बताते हैं कि उनकी टीम ने स्मार्टफोन में एक एलगोरिथम विकसित की है, जो आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर लोगों को यह बता सकेगी कि कौन-सा स्थान खतरनाक है. इस एप के माध्यम से खतरनाक स्थानों पर सेल्फी केे लिए पहुंचने वालों के मोबाइल फोन से घंटी बजने लगेगी, जिससे यह पता चल जायेगा कि जहां आप पहुंचने वाले हैं, वह स्थान खतरनाक है. टीम का दावा है कि देश, समय और स्थिति के आधार पर खतरनाक सेल्फी की पहचान और एलर्ट से संबंधित शोधों में 70 प्रतिशत से अधिक सफलता मिली है और शीघ्र ही वे इस एप को को लांच कर सकेंगे.
मिलेगी चेतावनी
उधर, दिल्ली के पोन्नुरंगम कुमार गुरु कहते हैं कि सेल्फी से लगातार होनेवाली मौत की खबर ने उन्हें व्यथित कर दिया. इस लिए उन्होंने सेल्फी के दौरान मौत की घटनाओं और उससे बचने के विभिन्न आयाम पर काम कर रहे हैं. इनमें स्मार्टफोन के कैमरे से खतरनाक स्थानों व परिस्थितियों के बारे में चेतावनी की सूचनाएं विशेष रूप से शामिल हैं. साथ में खतरनाक स्थान को क्रमवार भी डिस्प्ले किया जा सकेगा. मोबाइल फोन में फ्रंट कैमरा आ जाने से सोशल मीडिया पर तरह-तरह की सेल्फी पोज शेयर करने की होड़ में सेल्फी मौतों की खबरें सुर्खियां बटोरने लगी हैं. इससे आहत गुरु की टीम इस एप पर काम कर रही है.

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