जमीन के लिए मांग रहे थे परचा

भागलपुर : माहरणालय के समीप जन संसद के बैनर तले धरना देने आये लोगों ने गुरुवार को उग्र प्रदर्शन किया. पुलिस की लाठीचार्ज में कई लोग चोटिल हो गये. धरने में शामिल लोग सुलतानगंज के शहरी क्षेत्र से थे. तिलकपुर से आये लोगों ने कहा कि वर्ष 1988 में उन्हें ऑपरेशन बसेरा के तहत परचा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2016 4:08 AM

भागलपुर : माहरणालय के समीप जन संसद के बैनर तले धरना देने आये लोगों ने गुरुवार को उग्र प्रदर्शन किया. पुलिस की लाठीचार्ज में कई लोग चोटिल हो गये. धरने में शामिल लोग सुलतानगंज के शहरी क्षेत्र से थे. तिलकपुर से आये लोगों ने कहा कि वर्ष 1988 में उन्हें ऑपरेशन बसेरा के तहत परचा मिला था. जमीन की रसीद भी काट दी, मगर दबंगों ने जमीन पर कब्जा कर रखा है. इस कारण जमीन पर कब्जा नहीं मिल पाया है. कुछ अन्य लोगों ने कहा कि जिस जमीन पर वह रहते हैं, उनकी जमीन का परचा अभी तक नहीं मिला है.

एडीएम (राजस्व) हरिशंकर प्रसाद ने कहा कि जन संसद के धरना स्थल पर पहले दिन वह गये थे. वहां उन्होंने आयोजक व लोगों से बातचीत की थी. धरना दे रहे लोगों का कहना था कि वह निजी जमीन पर पिछले कई वर्षों से रहते हैं. लेकिन अब तक उन्हें जमीन का परचा नहीं मिला है. सभी से कहा गया था कि वह जमीन का परचा या अन्य मांगों की पूरी सूची बना लें. इस आधार पर प्रशासनिक स्तर पर काम शुरू किया जा सकेगा. लोगों की जब तक सूची नहीं मिलेगी, तब तक सरकारी स्तर पर कार्रवाई नहीं हो सकेगी. वहीं डीएम आदेश तितरमारे ने कहा कि एडीएम(राजस्व) ने धरना स्थल पर लोगों से मिल कर उनसे सूची मांगी थी.
सुलतानगंज के शहरी क्षेत्र के जमीन बंदोबस्ती का मामला है. कुछ लोग कटाव से विस्थापित भी हैं. निजी जमीन पर कई माह से बसे लोगों को कानून के तहत परचा देंगे. कानून में प्रावधान है कि किसी निजी जमीन पर लगातार 12 वर्ष तक रहने के बाद उस पर संबंधित व्यक्ति का अधिकार हो जाता है.

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