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आइएएस अभ्यर्थी अजीत के जन संसद को कई का समर्थन

भागलपुर : समाहरणालय में गुरुवार को हुए पथराव और लाठीचार्ज से कुछ देर पहले तक जनसंसद के बैनर तले लोग धरना पर बैठे हुए थे. एक सोशल प्लेटफॉर्म के रूप में जन संसद की स्थापना करने वाला अजीत आर्यन यादव भी गरीब महिलाओं के साथ वहां मौजूद थे. यूपीएससी सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू में शामिल […]

भागलपुर : समाहरणालय में गुरुवार को हुए पथराव और लाठीचार्ज से कुछ देर पहले तक जनसंसद के बैनर तले लोग धरना पर बैठे हुए थे. एक सोशल प्लेटफॉर्म के रूप में जन संसद की स्थापना करने वाला अजीत आर्यन यादव भी गरीब महिलाओं के साथ वहां मौजूद थे.

यूपीएससी सिविल सर्विसेज के इंटरव्यू में शामिल होने के बाद भी असफल होने की खीज कहें या दिल्ली में रहकर तैयारी करने के दौरान एक खास विचारधारा का प्रभाव. सुलतानगंज नयी सीढ़ी घाट के रहनेवाले अशोक यादव के पुत्र अजीत ने लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने का एक अलग तरीका खोजा और जन संसद बना डाला. सूत्रों की माने तो गुरुवार को जो भी हुआ उसके लिए सिर्फ जन संसद ही जिम्मेवार नहीं है, उस दुखद घटना के लिए एक खास विचारधारा के लोग भी उतने ही जिम्मेवार हैं.

सुल्तानगंज के कुछ खास लोगों का समर्थन मिला जन संसद को : अजीत आर्यन यादव ने सुलतानगंज में ही पढ़ाई की. भागलपुर से 2004 में दिल्ली गया. वहां लगभग 10 साल रहा. यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी की. दिल्ली से लौटने के बाद अजीत ने जब जनसंसद की स्थापना की तो उसका अध्यक्ष बनाया गया पूर्व जिला परिषद सदस्य के पति शंकर बिंद को. पूर्व वार्ड पार्षद मो इजराइल को सचिव बनाया और प्रवक्ता बने 15 नंबर वार्ड के पार्षद रामानंद पासवान.
सी-सैट का भी विरोध किया, आंदोलन में भाग लिया : यूपीएससपी सिविल सर्विसेज में 2011 में जब परीक्षा के पुराने पैटर्न को खत्म कर सी-सैट की शुरुआत की गयी तो उसका छात्रों ने जबरदस्त विरोध किया था. सी-सैट पैटर्न का विरोध करने वाले छात्रों में अजीत आर्यन भी शामिल था. लोगों के मुद्दों को उठाना और उनके बीच नेता बनने का शौक अजीत को पहले से ही रहा है. कन्हैया का समर्थन नहीं करता, बस लोगों का सहयोग करना चाहता हूं : अजीत आर्यन यादव का कहना है कि दिल्ली में रहते हुए कई विद्वान लोगों से उसकी मुलाकात तो हुई पर उसपर किसी भी विचारधारा का प्रभाव नहीं पड़ा. उसका कहना है कि वह सिर्फ उन लोगों की मदद करना चाहता है जो लाचार हैं और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा. अजीत का कहना है कि वह बिहार के रहने वाले जेएनयू छात्र कन्हैया का भी उसके विचारों की वजह से सपोर्ट नहीं करता. अजीत आर्यन यादव ने फेसबुक पर भी अपना प्रोफाइल पिक्चर जनसंसद का ही लगा रखा है. उसने खुद को फेसबुक पर आइएएस अभ्यर्थी और सोशल वर्कर के रूप में दिखा रखा है. फेसबुक पर अजीत जिन ग्रुप से जुड़ा हुआ है उनमें यूपीएससी टेस्ट सीरिज, यूपीएससी टारगेट, आइएएस एंड पीसीएस ग्रुप और सरकारी नीतियों और कल्याणकारी योजनाएं तथा इसका यथार्थ जैसे ग्रुप शामिल हैं. अजीत ने फेसबुक पर कुछ फोटो डाली हैं जिसमें प्रतियोगी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर आंदोलन करते दिखाया जा रहा है.
मैं ज्यादा लोगों को नहीं जानता
अजीत का यह भी कहना है कि वह लगभग 10 साल दिल्ली में रहने के बाद लौटा है. वह यहां के ज्यादा लोगों का नहीं जानता. उसका कहना है कि गुरुवार को कुछ लोगा धरनास्थल पर आकर भाषण देने लगे जिससे माहौल बिगड़ा. अजीत के साथ गुरुवार को पकड़े गये अन्य लोग प्रकाश, महेश और पोली आदि का भी कहना यही है कि धरनास्थल पर एक संगठन के लोग आये और उन्होंने अपने भाषण से लोगों को भड़काया जिसके बाद उस तरह की घटना घटी. हालांकि किसी ने भी उस संगठन और उससे जुड़े लोगों का नाम नहीं बताया.

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