हजरत पैगंबर साहब पूरी इनसानियत के लिए मसीहा बन कर आये
भागलपुर : हजरत पैगंबर साहब दुनिया में इनसानियत के लिए मसीहा बन कर आये. पैगंबर साहब ने लोगों को नेक रास्ते पर चलने का संदेश दिया. रमजानूल मुबारक माह में अल्लाह ने कुरान-ए-पाक दुनिया में उतारा. लेकिन बारहवीं शरीफ के दिन अल्लाह ने अपने महबूब को साहब-ए-कुरान के रूप में उतारा. उक्त बातें मसजिद अहमद […]
भागलपुर : हजरत पैगंबर साहब दुनिया में इनसानियत के लिए मसीहा बन कर आये. पैगंबर साहब ने लोगों को नेक रास्ते पर चलने का संदेश दिया. रमजानूल मुबारक माह में अल्लाह ने कुरान-ए-पाक दुनिया में उतारा. लेकिन बारहवीं शरीफ के दिन अल्लाह ने अपने महबूब को साहब-ए-कुरान के रूप में उतारा. उक्त बातें मसजिद अहमद खा के इमाम हाफिज अब्दुल हनान ने कही. उन्होंने बताया कि पैगंबर साहब दुनिया में नहीं आते, ताे शायद जमीन व आसमान अल्लाह नहीं बनाते.
हजरत पैगंबर साहब का जन्म 570 इस्वी में मक्का में हुआ था. लगभग 611 इस्वी से पैगंबर साहब ने लोगों को अपने ज्ञान का उपदेश देना शुरू किया. जिस वक्त हजरत पैगंबर साहब की दुनिया में आमद हुई चारों ओर बुराई व मारकाट चरम पर था. हजरत के आने के बाद गलत कामों पर विराम लगा. हजरत पैगंबर साहब ने अपने हुस्न-अखलाक से लोगों को बताया कि दूसरों के काम आयें. हालांकि उस जमाने में भी पैगंबर साहब द्वारा बताये गये सच्चे मार्गों का लोगों ने विरोध किया. लेकिन हजरत पैगंबर साहब ने लोगों को सच्चाई मार्ग पर चलने के संदेश देना बंद नहीं किया. मौलाना ने लोगों से आह्वान किया कि बारहवीं शरीफ के मौके पर संकल्प लें कि हजरत पैगंबर साहब के बताये रास्ते पर चलेंगे. बुरे कामों से परहेज करेंगे. लोगों की नि:स्वार्थ भाव से काम करेंगे.