profilePicture

वालीबॉल की नर्सरी के रूप में जाना जाता है सोनवर्षा

बिहपुर : कहते हैं कि सोनवर्षा के रग-रग में वालीबाॅल बसा है. इसलिए तो इसे वालीबॉल खेल की नर्सरी कहा जाता है. यहां वालीबॉल खेल की शुरुआत वर्ष 1942 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई. वर्ष 1960 में यहां स्पोर्ट्स क्लब व 1970 में किंग क्लब का गठन हुआ. 1942 से लेकर अबतक यहां के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2016 6:07 AM

बिहपुर : कहते हैं कि सोनवर्षा के रग-रग में वालीबाॅल बसा है. इसलिए तो इसे वालीबॉल खेल की नर्सरी कहा जाता है. यहां वालीबॉल खेल की शुरुआत वर्ष 1942 में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुई. वर्ष 1960 में यहां स्पोर्ट्स क्लब व 1970 में किंग क्लब का गठन हुआ. 1942 से लेकर अबतक यहां के सौ से अधिक पुरुष व 30 से अधिक महिला खिलाड़ी राज्य से लेकर राष्ट्रीय टीमों में खेल चुके हैं. अपने उत्कृष्ट खेल प्रतिभा के बल पर यहां के खिलाड़ियों ने फौज,

पुलिस, डाक व सचिवालय समेत अन्य विभागों में नौकरी हासिल की है. कई खिलाड़ी इस कतार में है. वर्ष 1942 में यहां से खेल यात्रा शुरू करने वालों में रामवरण कुंवर, रामदेव कुंवर, मथुरा कुंवर, वेदानंद कुंवर, रामचंद्र कुंवर, नंदकिशोर कुंवर, विंदेश्वरी पोद्दार, नवलकिशोर कुंवर, छेदी कुंवर, मोहन कुंवर, कुसुम कुमार, महेंद्र चौधरी, उपेंद्र कुंवर, गणेश कुंवर, रामकिशोर कुंवर व राजेंद्र राय सहित कई लोग शामिल थे. आज वालीबाॅल क्षेत्र में सोनवर्षा के अजय कुमार साई किशनगंज के प्रभारी है. हर्षवर्धन, नीलेश, राकेश प्रशिक्षक हैं. प्रदीप कुमार व अन्य कई खिलाड़ी रेफरी के रूप में सक्रिय हैं. बिहपुर प्रखंड में चौथी बार स्टेट वालीबाॅल चैंपियनशिप का आयोजन हो रहा है.

Next Article

Exit mobile version