टीएमबीयू के प्रतिकुलपति प्रो एके राय ने बताया कि कार्यशाला में बिहार व झारखंड के 20 वैज्ञानिक भाग लेंगे. उनके शोध पत्रों पर विचार-विमर्श के बाद चयन करने के लिए देश भर से 10 एक्सपर्ट भाग लेंगे. सभी शोध पत्रों को एक्सपर्ट के सामने बारी-बारी से प्रस्तुत किया जायेगा. चयनित शोध पत्र भारत सरकार का जैव प्रौद्योगिकी विभाग फंड देगा. रिसर्च की अवधि दो से तीन साल की होगी.
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शोध पर फंड उपलब्ध करायेगा जैव प्रौद्योगिकी विभाग
भागलपुर: टीएमबीयू में 19 व 20 जनवरी को भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन होगा. इसमें बिहार व झारखंड के वैज्ञानिक शोध पत्र जमा करेंगे. एक्सपर्ट द्वारा उन शोध पत्रों का चयन किया जायेगा. चयनित वैज्ञानिकों को शोध करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से फंड मुहैया […]
भागलपुर: टीएमबीयू में 19 व 20 जनवरी को भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से कार्यशाला का आयोजन होगा. इसमें बिहार व झारखंड के वैज्ञानिक शोध पत्र जमा करेंगे. एक्सपर्ट द्वारा उन शोध पत्रों का चयन किया जायेगा. चयनित वैज्ञानिकों को शोध करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से फंड मुहैया कराया जायेगा.
रिसर्च का यह होगा मूल विषय : बिहार व झारखंड में गरीब महिलाओं और अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के सामाजिक-आर्थिक स्थिति के विकास के लिए बायोटेक्नोलॉजी उपयोग पर आधारित रिसर्च का मूल विषय होगा. प्रतिकुलपति प्रो राय ने बताया कि इसमें गरीबों के उत्थान के लिए किसी खास किस्म के पौधों की खेती, वर्मी कंपोस्ट, छोटे तालाब में मत्स्य पालन आदि विषय हो सकते हैं.
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