चलने लायक कहीं से नहीं बची सड़क

एनएच-80. न तो हो रही मरम्मत, न नये सिरे से कराया जा रहा िनर्माण, परेशानी झेल रहे लोग एनएच-80 पर बना गड्ढा व गड्ढे में फंस कर दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा ई-रिक्शा. विभाग और निर्माण एजेंसी के बीच ठनी है, जिससे न तो हो रहा निर्माण और न मरम्मत भागलपुर : शहर में एनएच 80 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2016 4:11 AM

एनएच-80. न तो हो रही मरम्मत, न नये सिरे से कराया जा रहा िनर्माण, परेशानी झेल रहे लोग

एनएच-80 पर बना गड्ढा व गड्ढे में फंस कर दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा ई-रिक्शा.
विभाग और निर्माण एजेंसी के बीच ठनी है, जिससे न तो हो रहा निर्माण और न मरम्मत
भागलपुर : शहर में एनएच 80 अब कहीं से चलने लायक नहीं बची है. स्टेशन चौक से जीरोमाइल तक जाने में लोगों की सांसें फूलने लगती है. पहले अलकतरा की परत उखड़ी और इसके बाद इससे गिट्टी गायब हुई. अलकतरा और गिट्टी गायब होने के बाद से बने गड्ढे से अब मिट्टी निकलने लगा है. उन स्थानों पर सड़क सबसे ज्यादा खतरनाक बनी है, जहां पीसीसी के बाद से अलकतरा की सड़क शुरू होती है. लोगों को पीसीसी खत्म होने के बाद अचानक गड्ढे का सामना करना पड़ता है. ऐसे भी इस मार्ग पर गड्ढों के चलते आये दिन ट्रकों का गुल्ला टूटते रहता है, जिससे जाम की स्थिति बनी रहती है. निर्माण के बाद से ही यह सड़क जर्जर हो चुकी है. सड़क का निर्माण जुलाई-अगस्त 2014 में हुई है, जिस पर लागत 10 करोड़ से ज्यादा आयी है.
डिप्टी सीएम के लौटते ही मिट्टी गायब
सितंबर में डिप्टी सीएम के दौरे को लेकर आनन-फानन में मिट्टी से गड्ढे भरे गये थे, जिनके लौटने पर मिट्टी निकल गयी गड्ढे बचे हैं.
मंत्रालय के अपर महानिदेशक भी जता चुके हैं अफसोस : अप्रैल में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से आये अपर महानिदेशक बीएन सिंह ने भी सड़क की दुर्दशा पर अफसोस जता चुके हैं. उन्होंने मुख्य अभियंता के साथ निरीक्षण के दौरान कहा था कि इन बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सड़क की दुर्दशा हो गयी है.
जिलाधिकारी के त्राहिमाम संदेश पर भी खामोशी : फरवरी में जिलाधिकारी आदेश तितरमारे ने राज्य सरकार को त्राहिमाम संदेश भेजा था, जिस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया. हां, कुछ दिनों तक खलबली भले ही मची रही. मगर, समय के साथ मामला ठंडे बस्ते में चला गया. अधिकारियों की ओर से कहा गया कि जेल रोड की मरम्मत कराने का निर्णय लिया गया है और इसके लिए ठेकेदार का चयन कर लिया है. लेकिन सड़क की मरम्मत नहीं हुई. स्थिति जस की तस है.
विभाग और निर्माण एजेंसी के बीच पेच में फंसा है एनएच
विभाग और निर्माण एजेंसी के बीच पेच में एनएच फंसा है. पेच के चलते न तो स्टेशन चौक से बाबूपुर मोड़ तक सड़क का निर्माण हो सकता है और न ही इसका मरम्मत. मामला कोर्ट में है. ऊंची सड़क बनने को लेकर और निर्माण एजेंसी द्वारा मेंटेनेंस के सवाल पर कोर्ट में मामला है. विभागीय अधिकारी के अनुसार पूर्व कार्यपालक अभियंता ने निर्माण एजेंसी को चिट्टी लिख कर मेंटेनेंस करने कहा था. साथ ही चेतावनी दी थी कि अगर मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत मेंटेनेंस नहीं कराता है, तो रिस्क एंड कॉस्ट पर विभाग मेंटेनेंस करायेगी. निर्माण एजेंसी की जमा राशि जब्त कर कार्रवाई की जायेगी. इस सवाल पर निर्माण एजेंसी कोर्ट की शरण में चला गया और इस पर स्टे लगा है.
सड़क की स्थिति काफी जर्जर है, मगर इस कोई काम नहीं करा सकते हैं. अगर कुछ काम कराते हैं, तो निर्माण एजेंसी क्लेम करता है. सड़क की दुर्दशा पर विभाग को लिखा जा रहा है. विभाग से जैसा आदेश आयेगा, वैसा काम किया जायेगा. मगर जब तक मामला सुलझ नहीं जाता है, तब तक मरम्मत मुमकिन नहीं है.
लक्ष्मी नारायण सिंह, अधीक्षण अभियंता, राष्ट्रीय उच्च पथ अंचल, भागलपुर

Next Article

Exit mobile version