महर्षि संतसेवी परमहंस महाराज की जयंती पर संतों ने किये प्रवचन

भागलपुर : महर्षि संतसेवी परमहंस महाराज की जयंती पर मंगलवार को कुप्पाघाट स्थित सत्संग हॉल में प्रवचन का कार्यक्रम हुआ. प्रवचन की शुरुआत संजीवानंद बाबा ने की. मंच का संचालन करते हुए कुप्पाघाट आश्रम में विवेकानंद के रूप में प्रसिद्ध स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि संतों के इतिहास में महर्षि संतसेवी सा कोई शिष्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 21, 2016 5:58 AM

भागलपुर : महर्षि संतसेवी परमहंस महाराज की जयंती पर मंगलवार को कुप्पाघाट स्थित सत्संग हॉल में प्रवचन का कार्यक्रम हुआ. प्रवचन की शुरुआत संजीवानंद बाबा ने की. मंच का संचालन करते हुए कुप्पाघाट आश्रम में विवेकानंद के रूप में प्रसिद्ध स्वामी सत्यप्रकाश बाबा ने कहा कि संतों के इतिहास में महर्षि संतसेवी सा कोई शिष्य नहीं, जिन्होंने इतने दिनों तक गुरु की सेवा की. महर्षि संतसेवी महाराज नहीं होते तो सद्गुरु महर्षि मेंहीं का संदेश हमलोगों को नहीं मिलता.

स्वामी स्वरुपानंद ने कहा कि ज्ञान की बातें पुस्तकों में पढ़ते हैं, लेकिन महर्षि संतसेवी जीवन की खुली पुस्तक थे. वे पुस्तकालय थे, उनके ज्ञान का कोई ओर-छोर नहीं था. गुरुनंदन बाबा ने कहा कि सद्गुरु महर्षि मेंहीं महाराज महर्षि संतसेवी को बोले थे कि जहां मैं रहूंगा, वहां आप रहेंगे. स्वामी नरेशानंद ने कहा कि संसार में अगर संत नहीं होते तो संसार का कल्याण नहीं होता. संत किसी मजहब के नहीं होते. महर्षि संतसेवी सभी धर्म के लोगों के बीच लोकप्रिय थे.

गुरुसेवी भगीरथ बाबा ने भी महर्षि संतसेवी महाराज की महिमा का बखान किया. इससे पहले स्वामी प्रमोद बाबा ने स्तुति प्रार्थना, ग्रंथपाठ एवं गुरु पूजा से सत्संग कार्यक्रम की शुरुआत की. इसी दौरान पंजाब से पधारे स्वामी रामजी बाबा ने भी प्रवचन किये.

कुप्पाघाट आश्रम में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
महर्षि संतसेवी परमहंस की जयंती समारोह में गुरुवार हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ा. किशनगंज, खगड़िया, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, बांका, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, पटना समेत दूसरे प्रांतों उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, झारखंड के भी श्रद्धालु आये थे. आश्रम परिसर में श्रद्धालुओं ने आकर महर्षि मेंहीं एवं महर्षि संतसेवी महाराज के समाधि स्थल पर जाकर आशीर्वाद लिया.
श्रद्धालुओं ने भंडारा में किया प्रसाद ग्रहण : हजारों श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी का भंडारा हुआ. पंक्ति में बैठ कर श्रद्धालु ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण किये. इसके अलावा सशुल्क पूड़ी-जलेबी व सब्जी की व्यवस्था की गयी थी. दिन भर श्रद्धालुओं के आने-जाने का सिलसिला चलता रहा और दिन भर भंडारा भी होता रहा. शाम को दाल, भात और सब्जी का भंडारा हुआ. बाहर से आये हजारों श्रद्धालुओं के लिए आश्रम परिसर में ठहरने की व्यवस्था की गयी थी.

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