एनएच 80 की गुणवत्ता की जांच
कहलगांव/पीरपैंती : पटना से आयी निगरानी अन्वेषण व्यूरो की टीम ने बुधवार को दूसरे दिन भी एनएच 80 की जांच की. टीम भागलपुर से मिर्जाचौकी तक वर्ष 13-14 में एनएच 80 के निर्माण में संवेदक द्वारा बरती गयी अनियमितता की जांच कर रही है. गड्ढों में तब्दील हो चुके एनएच की मौजूदा स्थिति की गंभीरता […]
कहलगांव/पीरपैंती : पटना से आयी निगरानी अन्वेषण व्यूरो की टीम ने बुधवार को दूसरे दिन भी एनएच 80 की जांच की. टीम भागलपुर से मिर्जाचौकी तक वर्ष 13-14 में एनएच 80 के निर्माण में संवेदक द्वारा बरती गयी अनियमितता की जांच कर रही है. गड्ढों में तब्दील हो चुके एनएच की मौजूदा स्थिति की गंभीरता से जांच की और जमीन खोद कर मेटेरियल संग्रहित कर अपने साथ ले गयी.
जांच टीम के लीडर मुन्ना प्रसाद व डीएसपी विनय कुमार ने बताया कि सबौर, लैलख ममलखा, एकचारी, कहलगांव, विक्रमशिला, शिवनारायणपुर, पीरपैंती व मिर्जाचौंकी तक लगभग दर्जन भर स्थलों से भूमिगत मेटेरियल संग्रहित किया गया है. इसकी जांच लैब में करायी जायेगी. जांच के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि एनएच 80 के निर्माण से पूर्व संवेदक व विभाग के बीच निर्माण का पैमाना क्या तय हुआ था. निर्धारित अवधी में निर्माण कार्य की प्रक्रिया पूरी हुई थी या नहीं.
निर्माण के बाद कितने दिनों में सड़क टूट गयी. जांच में निगरानी के टेक्नीकल सेल से जुड़े अधीक्षण अभियंता रमेश कुमार सिंह व कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार भी शामिल थे. ब्यूरो सूत्रों के अनुसार प्रथम दृष्टया वर्ष 13 -14 में एनएच 80 के निर्माण में घोर अनियमितता साफ़ तौर पर दिखायी पड़ रही है. इधर कयास लगाया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट प्रेषित होते ही एनएच के कई अधिकारी और उस समय के संवेदक पर कार्रवाई होगी.
मिर्जाचौकी तक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने की जांच
वर्ष 2013-14 में हुआ था निर्माण
बनेने के शीघ्र बाद गड्ढों में तब्दील हो गया था एनएच