मायागंज हॉस्पिटल में लगेगा वाइफाइ

भागलपुर: शहर को स्मार्ट बनाने की कवायद के साथ ही जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) को भी स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी. मंगलवार को पटना की टेक्निकल टीम मायागंज हॉस्पिटल पहुंची और अधीक्षक से मुलाकात की. टीम के अनुसार भविष्य में मायागंज हॉस्पिटल न केवल वाइ-फाइ की सुविधा से युक्त होगा, बल्कि मरीजों के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 28, 2016 9:10 AM
भागलपुर: शहर को स्मार्ट बनाने की कवायद के साथ ही जेएलएनएमसीएच (मायागंज हॉस्पिटल) को भी स्मार्ट बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी. मंगलवार को पटना की टेक्निकल टीम मायागंज हॉस्पिटल पहुंची और अधीक्षक से मुलाकात की. टीम के अनुसार भविष्य में मायागंज हॉस्पिटल न केवल वाइ-फाइ की सुविधा से युक्त होगा, बल्कि मरीजों के लिए हॉस्पिटल की व्यवस्था से लेकर इलाज तक की प्रक्रिया स्मार्ट होगी.

मंगलवार को पटना से आये आइपीइ ग्लोबल लिमिटेड के सब्जेक्ट मैटर एक्सपर्ट केवी रेड्डी ने हाॅस्पिटल के ओपीडी समेत विभिन्न वार्डों का जायजा लिया. सपोर्ट प्रोग्राम फॉर अर्बन रिफार्म्स इन बिहार यानि स्पर के सदस्य केवी रेड्डी ने अस्पताल प्रबंधक चंद्रकांता व अधीक्षक डॉ आरसी मंडल के साथ विस्तार से चर्चा की. इसके बाद टीम ने सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार से भी मुलाकात कर जानकारी ली.

इनडोर से आउटडोर तक रहेगा कंप्यूटराइज्ड : टीम आगामी दिन में मायागंज के इनडोर से आउटडोर में लगे कंप्यूटर को इंटरकनेक्ट करेगी. इससे डॉक्टर से लेकर मरीज तक किसी भी मरीज की बीमारी से लेकर उसके इलाज तक के बारे में पूरा ब्योरा जान सकेगा. ओपीडी में नंबर भी आॅनलाइन और आॅफलाइन लगेगा. नंबर लगाने के बाद मरीज को लाइन में नहीं लगना होगा. संबंधित ओपीडी के बाहर लगे डिसप्ले बोर्ड पर उसका नाम आने पर वह डॉक्टर को दिखा सकेगा.
आॅपरेशन थिएटर, ब्लड बैंक के बाहर लगेगा डिसप्ले बोर्ड : आॅपरेशन थिएटर के बाहर डिसप्ले बोर्ड लगेगा, जिससे मरीज यह जान सकेगा कि उसका नंबर कब आयेगा और कितने का आॅपरेशन हो गया है. ब्लड बैंक के बाहर लगे डिसप्ले बोर्ड से लाेग जान सकेंगे कि ब्लड बैंक में कितने यूनिट खून किस ग्रुप का है.प्लाज्मा व प्लेटलेट्स की उपलब्धता का डिटेल भी डिसप्ले बोर्ड पर दिखेगा.
दवा का स्टोर से बीएचटी होगा आॅनलाइन : मायागंज के हर मरीज का बीएचटी आनलाइन होगा. इससे चिकित्सक से लेकर अधीक्षक तक अपने कंप्यूटर पर देख-जान सकेंगे कि किस मरीज का क्या इलाज चल रहा है और उसका वर्तमान स्टेटस क्या है. दवा का स्टोर भी कंप्यूटराइज्ड किया जायेगा, ताकि जाना जा सके कि कौन सी दवा है और कितनी है.

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