गरीब जनता की परेशानी देख कांग्रेस ने किया नोटबंदी का विराेध : शकील अहमद

भागलपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस ने नोटबंदी का विरोध नहीं किया. ऐलान के दिन स्वयं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने नोटबंदी का स्वागत किया था. लेकिन इस नोटबंदी के बाद जैसे-जैसे देश की गरीब जनता को परेशानी होने लगी और नोटबंदी के पीछे का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 1, 2017 8:35 AM
भागलपुर: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद ने कहा कि कांग्रेस ने नोटबंदी का विरोध नहीं किया. ऐलान के दिन स्वयं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी ने नोटबंदी का स्वागत किया था. लेकिन इस नोटबंदी के बाद जैसे-जैसे देश की गरीब जनता को परेशानी होने लगी और नोटबंदी के पीछे का पीएम नरेंद्र मोदी सरकार का असल उद्देश्य मालूम होने लगा, कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया. श्री अहमद, शहर स्थित होटल अशोका ग्रांड में आयोजित पत्रकारवार्ता में पत्रकारों से मुखातिब थे.
उद्यागपति मित्रों की मदद के लिए किया नोटबंदी : उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने उद्योगपति मित्रों की मदद करने और सहारा-बिड़ला मुद्दे पर परदा डालने के लिए नोटबंदी किया. विमुद्रीकरण के बहाने आठ लाख करोड़ का घोटाला किया गया. श्री अहमद ने कहा कि नोटबंदी से पूर्व देश के 600 जिलों में कैश भेजकर भाजपा ने जमीने खरीदी. सितंबर 2016 में 5.88 लाख करोड़ रुपये देश के विभिन्न बैंकों में भाजपा नेता अथवा इनके करीबियों ने जमा किये. उन्होंने कहा कि डिजिटल पेमेंट का असल सच यह है कि साधारण भुगतान में कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है, जबकि पेटीएम जैसे एप के जरिये डिजिटल पेमेंट पर 2.5 प्रतिशत शुल्क देना पड़ता है, जो कि इस एप के मालिक अर्थात मोदी के करीबी उद्योगपतियों की जेब में जा रहा है.
आखिर भाजपा नेताओं व इनसे जुड़े लोगों के घर से क्यों मिल रहे नये नोट
श्री अहमद ने कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कि कांग्रेस ने 65 साल तक देश को लूटा. अगर ऐसा है, तो आयकर व इडी की छापेमारी में बड़ी मात्रा में नये नोट व काला धन भाजपाइयों व इनसे जुड़े लोगों के घर से ही क्यों मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि सहारा-बिड़ला के यहां छापे में पीएम नरेंद्र मोदी को रिश्वत दिये जाने के मामले की जांच के लिए जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए. श्री अहमद ने कहा कि पीएम मोदी को विमुद्रीकरण व सहारा-बिड़ला मुद्दे पर जवाबदेही से बचाने के लिए भाजपा सरकार के सांसदों ने सदन को नहीं चलने दिया. मौके पर एआइसीसी सदस्य प्रवीण सिंह कुशवाहा, संजय राणा, मुजफ्फर अहमद आदि मौजूद थे.

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